नई दिल्ली :भारतीय रेलवे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के निर्माण में बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर मॉडल को अपनाने की योजना बना रही है. यह पहली बार होगा कि रेलवे निजी क्षेत्र को शामिल करके बीओटी मॉडल का चयन करेगा. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि बीओटी मॉडल के आधार पर बिहार के सोननगर से पश्चिम बंगाल के दनकुनी तक पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा.
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत बनने वाला यह काॅरिडोर 538 किलोमीटर लंबा होगा. इस पर करीब 15,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी. डीएफसी निर्माण के लिए एलस्टन, विश्व बैंक, टाटा प्रोजेक्ट्स, एलएंडटी और कई अन्य निजी कंपनियों ने रुचि दिखाई है. रेलवे इसके लिए डिजाइन, बिल्ड, वित्त, रख-रखाव और स्थानांतरण मॉडल (DBFMT) का प्रयोग करने की योजना बना रहा है. डीएफसी के निर्माण में निजी कंपनियों पर रखरखाव का भी प्रभार होगा. नीति आयोग (NITI Aayog) से मंजूरी मिलने के बाद रेलवे इसके लिए निविदा जारी करेगा.