नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि भारत के सीमावर्ती देशों के साथ 125 किलोमीटर की कुल लंबाई की पांच नयी रेल लाइन परियोजनाएं विभिन्न चरण में हैं और 60 किमी लंबी परियोजना को चालू कर दिया गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा, 'एक अप्रैल 2023 की स्थिति के अनुसार भारत के सीमावर्ती देशों के साथ 2,722 करोड़ रुपये की लागत वाली 125 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली पांच नयी रेल लाइन परियोजनाएं योजना/अनुमोदन/ निर्माण के चरण में हैं.'
उन्होंने कहा कि इसमें 60 किमी लंबी रेल लाइन को चालू कर दिया गया है और मार्च, 2023 तक कुल 1,729 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में बालुरघाट-हिलि लाइन; जोगबनी- बिराटनगर (नेपाल) लाइन; अगरतला-अखौरा (बांग्लादेश) लाइन; महिषासन (भारत) - जीरो प्वांइट (बांग्लादेश) लाइन; बिजलपुरा- बर्दिबास (नेपाल) तक विस्तार सहित जयनगर- बिजलपुरा लाइन शामिल हैं.
उन्होंने रक्सौल-काठमांडू नयी रेल लाइन परियोजना के बारे में कहा कि अंतिम स्थान निर्धारण सर्वेक्षण कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने पूर्ण कर लिया है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के अनुसार, प्रस्तावित लाइन की कुल लंबाई 140.79 किमी है.
मंत्री ने कहा कि इस परियोजना की अनुमानित लागत 23,945 करोड़ रुपये है और इसके लिए कुल 1478.2 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट विदेश मंत्रालय को सौंप दी गई है. उन्होंने कहा कि अगरतला-अखौरा बड़ी लाइन राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है और इसमें भारतीय हिस्से का निर्माण इरकॉन कंपनी द्वारा किया जा रहा है और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय इसका वित्तपोषण कर रहा है. यह लिंक भारत और बांग्लादेश के बीच अतिरिक्त संपर्क (कनेक्टिविटी) प्रदान करेगा और इससे दोनों देशों के बीच व्यापार में आसानी होगी.
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(भाषा)