वाराणसी :कबाड़ से जुगाड़ का फार्मूला हर किसी ने जाना और देखा होगा. इस फार्मूले का सही चरितार्थ धर्म नगरी काशी में नजर आ रहा है, जहां पर बकायदा खराब कबाड़ में पड़े रेलगाड़ी के डिब्बे का नायाब उपयोग किया गया है. बड़ी बात यह है कि यह नायाब उपयोग ना सिर्फ लोगों के रोजगार का जरिया बन रहा है, बल्कि यह काशी के पर्यटकों को लुभाने में भी अहम भूमिका निभाने वाला है.
वाराणसी में रेल कोच रेस्टोरेंट की शुरुआत होने वाली है, जिसकी थीम रेस्टोरेंट ऑन व्हील है. बड़ी बात यह है कि इस रेस्टोरेंट में आने वाले यात्रियों को इस बात का एहसास कराया जाएगा कि वह रेलगाड़ी में सफर करने के साथ व्यंजनों का आनंद ले रहे हैं और इसके साथ ही उन्हें यहां पर बकायदा काशी दर्शन कराया जाएगा और इसके साथ ही देश के अलग-अलग जायकों से भी रूबरू कराया जाएगा. वाराणसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक के इंट्री गेट के एक किनारे रेल कोच रेस्टोरेंट बना है. इस कोच को गोरखपुर से मंगाया गया था. इसके नीचे रेलवे ट्रैक भी बिछाया गया है. यह बाहर से देखने पर पूरी तरह से रेलवे का कोच ही लगता है, लेकिन अंदर जाने पर लग्जरी ट्रेन का भी अहसास होता है. इसकी डिजाइन काशी दर्शन के अनुसार की गई है. इसमें वाराणसी के सभी तरह के व्यंजन परोसे जाने का प्लान है.
जनता और रेलवे के यात्रियों को मिलेगा इसका लाभ :रेलवे के मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि 'हम इसे रेस्टोरेंट ऑन व्हील बोलते हैं. वाराणसी सिटी स्टेशन पर और वाराणसी स्टेशन पर दोनों जगह यह कोच रेस्टोरेंट बनाया जा रहा है. बनारस स्टेशन पर लगभग यह तैयार हो चुका है. इस रेस्टोरेंट में जब जाएंगे तो आप देखेंगे कि इसमें एक साथ 48 लोग बैठ सकते हैं. इसमें क्वालिटी फूड भी मिलेगा. अलग-अलग तरह के व्यंजन खाने के लिए मिलेंगे. इससे यात्रियों और शहर की जनता दोनों को लाभ होगा. इसमें ट्रेन में बैठकर खाने का अहसास होगा.'