नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अब लोकसभा के सदस्य नहीं हैं. लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को उन्हें अयोग्य करार दे दिया (Rahul Gandhi Disqualified As MP). राहुल गांधी को गुजरात की अदालत द्वारा वर्ष 2019 के 'मोदी उपनाम' मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने और उन्हें दो वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने की वजह से लोकसभा सचिवालय ने यह फैसला लिया है और अब उनकी संसद की सदस्यता खत्म हो गई है. इसे लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है.
कांग्रेस ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने को उन्हें चुप करने की साजिश करार दिया है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी (Congress leader Abhishek Manu Singhvi) ने कहा कि 'हम सभी जानते हैं कि राहुल गांधी संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह निडर होकर बोलते रहे हैं. जाहिर है, वह इसकी कीमत चुका रहे हैं. सरकार बौखला गई है. यह सरकार उनकी आवाज दबाने के लिए नई तकनीक खोज रही है.'
सिंघवी ने कहा कि 'राहुल गांधी की आवाज को दबाना आसान नहीं है. हमें पूरा विश्वास है कि ऐसी चीज जो कानून में गलत है उसका सही रूप से अवलोकन किया जाएगा और हमें कनविक्शन स्टे जल्द से जल्द मिलेगा.'
उन्होंने कहा कि 'यह सरकार परेशान है क्योंकि वह तथ्यों और आंकड़ों के साथ बात करते हैं. यह सरकार उनकी आवाज को दबाने के लिए नई तकनीक ढूंढ रही है.'
सिंघवी ने कहा कि 'हमें विश्वास है कि हम दोषसिद्धि पर स्थगन प्राप्त करेंगे जो इस अयोग्यता के आधार को ही समाप्त कर देगा. हमें कानून पर पूरा भरोसा है. हमें विश्वास है कि हम निकट भविष्य में विजयी होकर उभरेंगे.'
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा घबराई हुई है. वो जानते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा ने न केवल कांग्रेस संगठन में नई उमंग जगाई है बल्कि पूरे देश में एक नया उत्साह, भविष्य का रास्ता दिखाया है. भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के कारण राहुल गांधी को कीमत चुकानी पड़ी है.'