नई दिल्ली : मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी है. राहुल गांधी को दो साल की सजा मिली थी. इस फैसले के बाद उनकी संसद सदस्यता चली गई थी. इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई की जीत तो होती है, आज नहीं तो कल जरूर होती है. जिन लोगों ने हमारी मदद की और जनता से जो प्यार और समर्थन मिला, उसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया. राहुल ने एक ट्वीट भी किया. इसमें उन्होंने लिखा, चाहे जो भी हो, उनका प्रयास जारी रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा - आज प्रजातंत्र और संविधान की जीत हो गई. सत्यमेव जयते की जीत हुई है. हमलोग खुश हैं. मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. देश में अभी संविधान जिंदा है और न्याय मिल सकता है, इसकी उम्मीद कायम है. यह सारे भारत की जनता की जीत है. इस फैसले से लोगों को फायदा हुआ है. एक व्यक्ति कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक यात्रा करे, और रास्ते में समाज के सभी वर्गों के लोगों से मिले, ऐसा लगता है कि उनके प्रति इन सबकी दुआएं आज हमारे साथ हैं. राहुल के खिलाफ जब फैसला आया था, तब मोदी सरकार ने उन्हें हटाने में 24 घंटे का भी समय नहीं लिया था, आज हम देखेंगे कि सरकार उनकी सदस्यता कितने देर में बहाल करती है.
कांग्रेस नेताओं के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मतलब यह है कि जब तक राहुल गांधी के खिलाफ सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, और कोर्ट अपना अंतिम फैसला नहीं सुना देता है, तब तक के लिए उनकी संसद सदस्यता बहाल हो जाएगी. अब राहुल गांधी संसद के मानसून सत्र में भी हिस्सा ले सकते हैं. साथ ही कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि राहुल गांधी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले बहस में भाग लेंगे.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट से आदेश की प्रति लोकसभा सचिवालय को भेजी जाएगी. उसके बाद लोकसभा सचिवालय को इस पर फैसला लेना होगा. उनके अनुसार इस प्रक्रिया में ज्यादा समय नहीं लगेगा और बहुत संभव है कि राहुल गांधी मंगलवार को संसद सत्र में शामिल हो जाएंगे. इस फैसले के बाद लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह आज ही इस फैसले की कॉपी लोकसभा सचिवालय में ले जाने की कोशिश करेंगे. चौधरी ने कहा कि यह कांग्रेस के लिए खुशी का दिन है.
मीडिया रिपोर्ट में चर्चा है कि इस फैसले के बाद राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर भी प्रोजेक्ट कर सकती है. हालांकि, यूपीए की जगह बने नए इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान कांग्रेस पार्टी ने साफ कर दिया था कि उनकी पार्टी पद के पीछे नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कांग्रेस पीएम पद को लेकर कोई दबाव नहीं बना रही है. हालांकि, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अब राहुल गांधी के सामने ज्यादा चुनौती नहीं होगी.