हरियाणा हिंसा पर राहुल गांधी चिंतित, राज्य में लोकसभा चुनाव की तैयारियों की करेंगे समीक्षा
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कथित तौर पर हरियाणा में पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा है कि राज्य में हाल की हिंसा ने सत्तारूढ़ भाजपा और उसकी सहयोगी जेजेपी को बेनकाब कर दिया है और उन्हें पूरे राज्य में संदेश फैलाने के लिए कहा है.
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी
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Published : Aug 7, 2023, 3:37 PM IST
नई दिल्ली:संसद में वापस आए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने निवासियों को सांप्रदायिक हिंसा या वित्तीय संकट से सुरक्षित करने में विफलता पर भाजपा-जेजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए हरियाणा टीम से राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों को फिर से हासिल करने के लिए कहा है. पूर्व कांग्रेस प्रमुख, जो हरियाणा में हाल की हिंसा से चिंतित हैं, उन्होंने सोमवार को पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ एआईसीसी और राज्य नेताओं के साथ पार्टी की 2024 लोकसभा चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगे.
राहुल गांधी ने कथित तौर पर राज्य टीम से कहा है कि राज्य में हाल की हिंसा ने सत्तारूढ़ भाजपा और उसकी सहयोगी जेजेपी को बेनकाब कर दिया है और उन्हें पूरे राज्य में संदेश फैलाने के लिए कहा है. हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार दिल्ली की सीमा से लगे हरियाणा के नूंह-मेवात इलाके में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा को नियंत्रित करने में विफल रही.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बेनकाब हो गयी है. बहुसंख्यक समुदाय ने भड़कने पर सत्तारूढ़ दलों का समर्थन करने से इनकार कर दिया और राज्य सरकार को चेतावनी दी. यहां तक कि राज्य की छवि खराब करने वाली सांप्रदायिक घटनाओं पर राज्य के दो बड़े व्यापारिक घरानों को भी राज्य सरकार को चेतावनी देनी पड़ी. भाजपा आम निवासियों को सांप्रदायिक हिंसा से बचाने और उन्हें वित्तीय संकट से बचाने में विफल रही, क्योंकि लोग नौकरियों की कमी और आवश्यक वस्तुओं की ऊंची कीमतों से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने कहा कि संदेश न केवल हरियाणा में बल्कि पूरे राज्य में चला गया है और जनता उन्हें 2024 में सबक सिखाएगी. हम अपनी ओर से अपना पिछला प्रदर्शन दोहराना चाहेंगे और राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतना चाहेंगे. राज्य सरकार की नाकामियों के अलावा राहुल ने हरियाणा की टीम से अगला लोकसभा चुनाव भी एकजुट होकर लड़ने को कहा है. बाबरिया से पूछा गया कि वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी, कुमारी शैलजा के नेतृत्व वाले गुटों को एकजुट करने की योजना कैसे बना रहे हैं?
इस पर उन्होंने कहा कि हमारा फोकस संगठन पर है. मैं संगठनात्मक ताकत की समीक्षा के लिए राज्य का दौरा कर रहा हूं. सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं का सम्मान करना और उन्हें सशक्त बनाना ही मुख्य काम है. इससे ही राज्य की टीम में एकता आयेगी. बाबरिया ने कहा कि आम लोग अपना जीवन शांति से जीना चाहते हैं और समृद्धि की चाह रखते हैं. भाजपा केवल लोगों को बांटने की कोशिश करती है. वे सत्ता हासिल करने के लिए चुनी हुई सरकारों को तोड़ देते हैं और आम लोगों की परवाह ही नहीं करते. यही संदेश हम मतदाताओं तक पहुंचाएंगे.
वहीं भूपेन्द्र सिंह हुडडा ने कहा कि यह एक गैर-निष्पादित सरकार है. बीजेपी-जेजेपी शासन करने में विफल रही. हम उन चूकों की न्यायिक जांच की मांग करते हैं, जिनके कारण पुलिस के पास उपलब्ध खुफिया जानकारी के बावजूद नूंह इलाकों में आग भड़क उठी. मैं 10 साल तक राज्य का मुख्यमंत्री भी रहा. पुलिस कुशल है, लेकिन राज्य सरकार ने हिंसा फैलने से रोकने के लिए उन्हें समय रहते उचित निर्देश नहीं दिये.
हुडा और सुरजेवाला दोनों ने इस बात पर अफसोस जताया कि दो क्षेत्रों मानेसर और गुरुग्राम में निगम, जो दिल्ली के नजदीक होने के कारण हरियाणा सरकार को सबसे अधिक राजस्व लाते हैं, नूंह क्षेत्रों में हाल की हिंसा के कारण बंद करना पड़ा. हुडा ने कहा कि लोगों की सुरक्षा करना राज्य सरकार का कर्तव्य है. वे यह नहीं कह सकते कि पुलिस राज्य के सभी निवासियों को सुरक्षा नहीं दे सकती.