नई दिल्ली :कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म नहीं होने का आश्वास दिए जाने के बाद शुक्रवार को आरोप लगाया कि मोदी ने एक बार फिर 'असत्याग्रह' किया और वह किसानों के साथ बातचीत का 'प्रपंच' कर रहे हैं. पार्टी ने यह भी कहा कि सरकार को किसानों से माफी मांगकर से तीनों 'काले कानून' वापस लेने चाहिए.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'आदत के अनुसार मोदी जी ने आज फिर असत्याग्रह किया. किसानों की बात सुनो, कृषि विरोधी कानून वापस लो!' केंद्र के हाल में लागू कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को कृषक समुदाय को आश्वासन दिया कि एमएसपी की व्यवस्था समाप्त नहीं की जाएगी.
उन्होंने यह भी कहा कि नए कृषि कानून रातों-रात नहीं आए हैं, बल्कि विभिन्न दल, विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान लंबे समय से सुधारों की मांग कर रहे थे.
मोदी ने मध्य प्रदेश में किसान सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित करते हुए कहा, 'मैं किसानों को भरोसा दिलाता हूं कि एमएसपी को खत्म नहीं किया जाएगा, यह जारी रहेगी, विपक्ष इस बारे में झूठ बोल रहा है.'
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया, 'दिल्ली की सीमा पर बैठे लाखों किसानों को दरकिनार कर प्रधानमंत्री किसानों से वार्तालाप का ढोंग और प्रपंच कर रहे हैं. सच्चाई यह है कि मोदी सरकार अब 'ईस्ट इंडिया कंपनी' से भी बड़ी व्यापारी बन गई है, जो किसान की मेहनत की गंगा को मैली कर मुट्ठीभर पूंजीपतियों को पैसा कमवाने पर आमादा है.'
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'काश, प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश का हाल ही जान लिया होता. मध्यप्रदेश में 269 सरकारी कृषि उपज मंडियां थीं जिनमें से 47 मंडियां इन कानूनों के बाद पूरी तरह बंद हो गई हैं. 143 मंडिया ऐसी हैं जहा का कारोबार 50 प्रतिशत तक कम हो गया है. इतना ही नहीं, 1850 रुपये समर्थन मूल्य का मक्का मध्यप्रदेश में 810 रुपये में और बिहार में 900 रुपये में बिका है.'