नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि वह पार्टी में आंतरिक चुनाव के पक्षधर हैं और यह कार्यकर्ता ही होंगे जो यह तय करेंगे कि पार्टी का नेतृत्व कौन करे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी उनसे जो भी कहेगी वह करेंगे.
एक विशेष साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर संगठनात्मक चुनाव समय पर होंगे, लेकिन अभी महामारी को नियंत्रित करने और लोगों की जान बचाने की जरूरत है.
पूर्णकालिक कांग्रेस अध्यक्ष के लिए 'ग्रुप 23' के नेताओं की भी ये मांग है कि संगठनात्मक चुनाव हों. पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाले समूह ने पिछले साल अगस्त में अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपनी मांग उठाई थी.
राहुल गांधी का कहना है कि 'मैंने हमेशा कांग्रेस के भीतर आंतरिक संगठनात्मक चुनावों का समर्थन किया है और ये समय में आयोजित किए जाएंगे.'
उन्होंने कहा कि 'पार्टी कार्यकर्ताओं को यह तय करना है कि पार्टी का नेतृत्व कौन करे.' जब उनसे पूछा गया कि क्या वह फिर से पार्टी का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि 'पार्टी मुझसे जो चाहे करवाएगी, लेकिन अभी ध्यान इस महामारी को नियंत्रित करने, जीवन बचाने और भारत के व्यापक दुख और दर्द को दूर करने पर है. बाकी सभी चीजों के लिए समय होगा.'
राहुल ने लोकसभा चुनावों में पार्टी की अपमानजनक हार की जिम्मेदारी लेते हुए पिछले साल मई में कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था.
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने इस साल की शुरुआत में कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा है कि जून 2021 तक पार्टी नया कांग्रेस अध्यक्ष मिल सकता है.
' प्रधानमंत्री का ध्यान केवल छवि चमकाने पर'
भारत में कोरोना को लेकर हालत पर राहुल गांधी ने कहा कि यहां की स्थिति से पूरी दुनिया चिंतित है. उन्होंने कहा कि जब दूसरी लहर जारी थी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'कोविड-19 के खिलाफ जंग' जीतने का पहले ही श्रेय ले लिया और अब वह 'गेंद राज्यों के पाले में डाल' रहे हैं.
राहुल ने कहा, 'आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य है. कोई आपकी सहायता के लिए नहीं आएगा, प्रधानमंत्री भी नहीं.' उन्होंने आरोप लगाए कि मोदी सरकार के लिए कोविड-19 की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण से बाहर हो गई है और आश्चर्य जताया कि क्या राज्यों और नागरिकों को 'आत्मनिर्भर' बनाने का उनका यह तरीका है.