नई दिल्ली:पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को थल सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए नई अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार को गरिमा, परंपरा, पराक्रम और अनुशासन के साथ समझौता बंद करना चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया, 'जब भारत को दो मोर्चों पर खतरा है तब इस अग्निपथ योजना की जरूरत नहीं है जिससे हमारे शस्त्र बलों की कार्यक्षमता कम होती हो. भाजपा सरकार को हमारे सुरक्षा बलों की गरिमा, परंपरा, पराक्रम और अनुशासन के साथ समझौता करना बंद करना चाहिए.'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और इसे सरकार की मनमानी करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस संवेदनशील विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई, बस मनमानी की गई है. उन्होंने सवाल किया, 'भाजपा सरकार सेना भर्ती को अपनी प्रयोगशाला क्यों बना रही है?
बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन से जुड़ी खबर साझा कर प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, सैनिकों की लंबी नौकरी सरकार को बोझ लग रही है? युवा कह रहे हैं कि ये चार वर्षीय नियम छलावा है. हमारे पूर्व सैनिक भी इससे असहमत हैं.' प्रियंका गांधी ने कहा, 'सेना भर्ती से जुड़े संवेदनशील मसले पर न कोई चर्चा, न कोई गंभीर सोच-विचार. बस मनमानी?'
केंद्र सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी 'अग्निपथ' योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी. योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें 'अग्निवीर' नाम दिया जाएगा.
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