जयपुर. राहुल गांधी को ईडी का नोटिस दिए जाने के बाद 12 जून से अब तक राजस्थान के कई बड़े नेता दिल्ली में डटे हुए हैं. इनका नेतृत्व खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करते हुए नजर आ रहे हैं. जो हालात दिल्ली में बने हुए हैं उससे यह लग रहा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की वर्तमान स्थिति की कमान भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ही हाथ है. सचिन पायलट को भले ही अग्रिम पंक्ति में बैठने और भाषण देने का मौका मिल रहा हो लेकिन उन्हें कोई खास अहमियत नहीं मिल रही है.
पांच दिन ईडी की पूछताछ के बाद बुधवार को पहली बार राहुल गांधी ने अपनी बात रखते हुए पेशंस को लेकर जो कुछ कहा उससे लगता है जैसे उन्होंने सचिन पायलट को एक बार फिर लाइफ लाइन दे दी है. आज राहुल गांधी एआईसीसी में (Rahul gandhi addressing in aicc) विधायकों और कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि ईडी के अधिकारियों ने मुझसे पूछा कि आपने हमारे सवालों का बहुत ही पेशेंस के साथ जवाब दिया. इतना पेशेंस आपमें कहां से आया? इस पर मैंने कहा कि मैं आपको यह नहीं बता सकता, क्योंकि आपने थकान की बात पूछी तो मैंने बता दिया कि मैं विपश्यना करता हूं इसलिए नहीं थका, लेकिन पेशेंस कहां से आया यह मैं आपको नहीं बता सकता. इसके आगे राहुल गांधी ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी में साल 2004 से काम कर रहा हूं. पेशेंस रखना नहीं आएगा तो क्या आएगा.
कांग्रेस का हर नेता इस बात को समझता है. राहुल गांधी ने डायस के पास ही बैठे सचिन पायलट का नाम लेते हुए कहा कि देखो सचिन पायलट बैठे हुए हैं, सब बैठे हैं और मैं भी बैठा हुआ हूं. इस पर मंच के सामने और मंच पर बैठे हुए सभी लोग हंसने लगे. राहुल गांधी ने आगे कहा कि यहां सिद्धारमैया बैठे हैं, रणदीप सुरजेवाला भी बैठे हैं सभी पेशेंस के साथ ही तो बैठे हैं. यह जो हमारी कांग्रेस पार्टी है हमें थकने नहीं देती बल्कि पेशेंस रखना सिखाती है और से हमें स्ट्रेंथ मिलती है ताकि हम हर लड़ाई लड़ सकें.