नई दिल्ली :पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम (book-launch event) में कहा कि पेगासस, केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दबाव व डर की वजह से बसपा प्रमुख मायावती इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ीं. राहुल गांधी ने कहा, 'हमने मायावती जी को मैसेज दिया गठबंधन करिए, मुख्यमंत्री बनिए, उन्होंने बात तक नहीं की. सीबीआई और ईडी से डरती हैं वो. कांशीराम ने दलितों को आवाज दी, दलितों को जगाया लेकिन आज मायावती कहती हैं कि वह दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ेंगी.'
राहुल गांधी ने दिल्ली के जवाहर भवन में शनिवार को 'द दलित ट्रुथ' किताब की लॉन्चिंग के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि हमें संविधान की रक्षा करनी है. संविधान को बचाने के लिए हमें अपनी संस्थाओं की रक्षा करनी होगी. लेकिन सारी संस्थाएं आरएसएस के हाथ में हैं. उन्होंने कहा कि 'संस्थान के बिना संविधान' का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि संस्थान के बिना संविधान को लागू नहीं किया जा सकता.
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान पर यह आक्रमण उस दिन से शुरू हुआ था जब महात्मा गांधी की छाती में तीन गोलियां भेदी गईं. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने हमें संविधान जैसा अधिकार दिया, मगर आज इसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि पैगसेस, सीबीआई, ईडी आदि संस्थान मिलकर संविधान को लागू किए जाने से रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक जनता के अंदर से आवाज नहीं निकलेगी, संविधान अपना काम नहीं कर सकता. संविधान पर चोट यानी सीधी चोट देश के सबसे कमजोर आदमी पर पड़ती है. आज अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी का हाल देश में सबके सामने है. इनसे लड़ने की जरूरत है. अंबेडकर ने, महागांधी ने जो रास्ता दिखाया था उस पर चलने की जरूरत है.