कोल्लम :केरल के कोल्लम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी मछुआरों के जीवन का अनुभव लेने और उनकी समस्याओं को समझने के लिए उनके साथ समुद्र में मछली पकड़ने गए और उन्हें आश्वस्त किया कि कांग्रेस पार्टी उनकी जरूरतों को चुनावी घोषणापत्र में शामिल करेगी.
केरल में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. यहां थांगस्सेरी तट पर एकत्र हजारों मछुआरों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने वाम नीत एलडीएफ की सरकार पर गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए एक अमेरिकी कंपनी के साथ कथित अनुबंध को लेकर भी निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि इससे मछुआरों की आजीविका प्रभावित होगी. राज्य में वायनाड सीट से सांसद गांधी ने कहा कि मैं आपके काम को समझता हूं और उसका आदर करता हूं. मैं आपके काम की प्रशंसा करता हूं. कई बार ऐसा होता है कि हम मछली खाते हैं लेकिन इसके पीछे की कठिन मेहनत को नहीं समझ पाते, नहीं जान पाते कि किस तरह यह हमारी प्लेट तक पहुंची.
यहां बातचीत से पहले गांधी मछुआरों के साथ उनकी नाव में बैठकर समुद्र में भी गए. उन्होंने अपनी यात्रा सुबह लगभग साढ़े चार बजे वाडी तट से शुरू की और करीब एक घंटे तक समुद्र में रहे. उन्होंने मछुआरों के साथ मिलकर समुद्र में मछली पकड़ने वाला जाल फेंका, लेकिन केवल एक स्क्वीड (मछली पकड़ने के लिए इस्तेमाल होने वाला घोंघा) पकड़ सके. नीली टी-शर्ट और खाकी पैंट पहने कांग्रेस नेता ने तट पर वापसी के दौरान वहां खड़े लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया.
उन्होंने मछुआरों से कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव का घोषणा पत्र तैयार करने के लिए समाज के विभिन्न तबकों से संपर्क कर रही है और उनकी (मछुआरों) भी मांग को उसमें शामिल किया जाएगा और पूरा किया जाएगा. गांधी ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को कांग्रेस नीत यूडीएफ की बैठक में इस ओर इशारा किया था कि मोर्चे का मछुआरों को लेकर एक समर्पित घोषणापत्र होना चाहिए. कांग्रेस नेता के मछुआरों के साथ बातचीत के बाद राज्य की दो दिवसीय यात्रा पूरी हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि इसलिए मैं चाहता हूं कि केरल के मछुआरे कांग्रेस पार्टी और यूडीएफ अगले दो-तीन सप्ताह में बातचीत करें और यह निर्णय लें कि वे घोषणापत्र में क्या चाहते हैं. गांधी ने पिछले सप्ताह में पुडुचेरी में मछुआरों के साथ बातचीत की थी और यहां भी मछुआरों के साथ बातचीत में उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि मछुआरों के लिए 'समर्पित' मंत्रालय नहीं है. मछुआरों की तुलना किसानों से करते हुए उन्होंने कहा कि जैसे किसान अपने खेत में अनाज उपजाता है, वैसे ही आप भी समुद्र में खेती करते हैं. किसानों के पास दिल्ली में मंत्रालय है लेकिन आपके पास दिल्ली में मंत्रालय नहीं है.
उन्होंने कहा कि आपके बारे में दिल्ली में कोई बात नहीं करता है. इसलिए मैं पहला काम हमारे देश में मछुआरों के लिए समर्पित मंत्रालय बनाने की दिशा में करना चाहता हूं. ताकि आपके मुद्दे उठाए जा सकें और आपके हितों की रक्षा हो सके. पुडुचेरी में भी राहुल गांधी की इसी तरह की टिप्पणी के बाद केंद्रीय मंत्रियों समेत भाजपा नेताओं ने गांधी पर 'झूठ' की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि इस तरह का मंत्रालय पहले से ही मौजूद है. गहरे समुद्र में मछली पकड़ने संबंधी कथित अनुबंध से जुड़े विवाद को लेकर वाम मोर्चा नीत एलडीएफ सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह देखना चाहते हैं कि वे ट्रॉलरों से क्या करने जा रहे हैं.