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राहुल गांधी से लेकर रवि किशन तक की फेवरेट बनी संध्या, जानिए क्यों

यूपी में बाढ़ के पानी में डूबे घर से अपने स्कूल के लिए नाव चलाकर जाने वाली संध्या साहनी के जज्बे की जहां चारों ओर तारीफ हो रही है. वहीं वो राजनीतिक दलों के नेताओं की चहेती हो गई हैं.

राहुल गांधी से लेकर रवि किशन तक की फेवरेट बनी संध्या
राहुल गांधी से लेकर रवि किशन तक की फेवरेट बनी संध्या

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Published : Sep 14, 2021, 2:45 AM IST

गोरखपुरः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हों या बीजेपी के सांसद रवि किशन शुक्ला या फिर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद सभी संध्या के घर जाकर या अपने प्रतिनिधि भेजकर उसका हौसला बढ़ा रहे हैं. ये नेता संध्या की पढ़ाई लिखाई में मदद करने की बात कह रहे हैं. सांसद रवि किशन ने तो उसकी नौकरी तक लगवाने का भरोसा दिलाया है. संध्या बाढ़ के पानी में डूबे घर से खुद नाव चलाकर अपने स्कूल जाती है.

संध्या के जज्बे को सलाम

नदी से नाव से स्कूल जाने वाली 11वीं की छात्रा संध्या के जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है. संध्या उन बच्चों और उनके माता-पिता के लिए प्रेरणास्रोत है, जो मुसीबतों से घबराकर घर बैठ जाते हैं. बाढ़ से घर घिरा होने और घर के अंदर तक पानी लगा होने पर भी संध्‍या का हौसला कम नहीं हुआ. वो अपने सपने को पूरा करने के लिए अन्‍य लड़कियों की तरह बाढ़ से डरकर घर नहीं बैठना चाहती है. वो अपने सपनों को पूरा करना चाहती है. यही वजह है कि अकेले ही नाव खेकर वो स्‍कूल जाने के लिए उफनती राप्‍ती में निकल पड़ती है.

नाव से स्कूल जाती है संध्या

गोरखपुर के बहरामपुर दक्षिणी की रहने वाली संध्‍या साहनी ने बाढ़ग्रस्‍त होने और कोरोना के डर से पढ़ाई से समझौता नहीं किया. वो पढ़-लिखकर रेलवे में नौकरी करना चाहती हैं. 15 साल की संध्‍या शहर के बैंक रोड के अयोध्‍या दास राजकीय कन्‍या इंटर कालेज में कक्षा 11वीं की छात्रा है. संध्‍या चाहती है कि उनके यहां पर बांध बना दिया जाए, तो उनके साथ कई बच्चियों को बाढ़ की वजह से स्‍कूल नहीं छोड़ना पड़ेगा. राहुल गांधी की कॉल आने और घर आने का वायदा करने पर वो काफी खुश है. वो कहती हैं कि वो आएं और देखें कि वो किस हाल में रह रही हैं.

राहुल गांधी ने भिजवाया मोबाइल

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तीन बेटों में इकलौती बेटी संध्या के पिता दिलीप साहनी बताते हैं कि वे पढ़े-लिखे नहीं हैं, वे कारपेंटर का काम करते हैं. बाढ़ग्रस्त होने की वजह से उनके घर की हालत बुरी है. काम धंधा भी पूरी तरह से चौपट है. लेकिन वो इकलौती बेटी को पढ़ा-लिखाकर कुछ बनाना चाहते हैं. वे कहते हैं कि वे ज्यादा नहीं जानते हैं कि वो क्या बनना चाहती हैं. लेकिन उसका सपना पूरा हो जाए.

संध्या

संध्या की मां गीता साहनी कहती हैं कि वो अच्छे से पढ़-लिखकर अपना सपना पूरा करे. वो दो बेटों को पढ़ा-लिखा नहीं पाई हैं. लेकिन उनकी इकलौती बेटी संध्या पढ़ना चाहती है. वो नाव खेकर स्कूल जाती है. वो कहती हैं कि उन्हें बेटी पर गर्व है. वो पढ़-लिख रही है और जरूर कुछ बन जाएगी. लोग उसे सम्मान दे रहे हैं. उन्हें काफी खुशी हो रही है.

वे बताती हैं कि बाढ़ की वजह से छत पर खाना बन रहा है. वहीं रवि किशन ने बहरामपुर की रहने वाली संध्या से मुलाकात की. इस दौरान सांसद ने उनके जज्बे की सराहना करते हुए कहा कि आप अन्य छात्राओं के लिए मिसाल हैं. आप अपनी पढ़ाई पर ध्यान दीजिए. आपकी नौकरी की जिम्मेदारी मेरी है.

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