नई दिल्ली: कांग्रेस ने 'मोदी उपनाम' संबंधी टिप्पणी को लेकर सूरत की एक अदालत द्वारा राहुल गांधी को सुनाई गई दो साल कारावास की सजा को कानूनी रूप से गलत निर्णय करार देते हुए गुरुवार को कहा कि इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सच बोलने और सरकार के काले कारनामों को उजागर करने की सजा मिल रही है, लेकिन राहुल बिना डरे सच बोलते रहेंगे.
फैसले के कुछ घंटे बाद राहुल गांधी सूरत से दिल्ली लौटे, जहां हवाई अड्डे पर कांग्रेस के कई सांसदों एवं नेताओं ने उनका स्वागत किया तथा उनके समर्थन में नारेबाजी की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि सरकार राहुल गांधी को अयोग्य ठहराकर लोकसभा से बाहर करना चाहती है, इसलिए यह सब हो रहा है.
खरगे ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि पहले न्यायाधीशों को बदला गया…. हमको पहले से अंदाजा लग रहा था, लेकिन हम कानून और न्यायपालिका में विश्वास रखने वाले हैं और कानून के तहत लड़ेंगे. बाद में उन्होंने ट्वीट किया कि कायर, तानाशाह भाजपा सरकार राहुल गांधी और विपक्ष से तिलमिलाई हुई है, क्योंकि हम उनके काले कारनामों को उजागर कर रहे हैं. जेपीसी की मांग कर रहे हैं. राजनीतिक दिवालियेपन की शिकार मोदी सरकार, ईडी और पुलिस भेजती है. राजनीतिक भाषणों पर केस थोपती है.
उन्होंने कहा कि हम उच्च न्यायालय में अपील करेंगे. कांग्रेस प्रवक्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि मानहानि का मुकदमा एक ऐसे विषय के बारे में नहीं कर सकते, जिसमें किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ आक्षेप नहीं है. सिंघवी ने कहा कि जानबूझकर गलत मामलों को थोपकर आवाज बंद करना, यह प्रक्रिया सरकार द्वारा की जा रही है. इससे कहीं अधिक आपत्तिजनक टिप्पणियां भाजपा के लोगों द्वारा की जाती है, लेकिन उसकी अनदेखी की जाती है.
उन्होंने कहा कि सरकार डराने, धमकाने, आवाज दबाने और झूठे मामले दायर करने की लाख कोशिश कर ले, इससे आवाज दबने वाली नहीं है. सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर राहुल गांधी बोलते रहेंगे, आवाज उठाते रहेंगे.