चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष (ormer Punjab Congress president) सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने सीएम के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Chann) को चुनने के राहुल गांधी के फैसले को साहसिक करार दिया. शुरुआत में जाखड़ को मुख्यमंत्री के रूप में अमरिंदर सिंह ( Amarinder Singh ) का उत्तराधिकारी माना जा रहा था.
जाखड़ ने मुख्यमंत्री चयन को लेकर पार्टी पर हमला करने के लिए कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वियों की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि 'वे निर्णय के लिए राजनीतिक उद्देश्यों को जिम्मेदार ठहराते हुए पेड़ों की गिनती करते समय जंगल को याद कर रहे हैं.'
जाखड़ ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किए गए एक बयान में कहा, ' पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री चुनकर एक तरह से 'कांच की छत' को तोड़ दिया है.'
चन्नी राज्य के पहले अनुसूचित जाति के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने कहा, 'यह साहसिक निर्णय, हालांकि सिख धर्म के लोकाचार में निहित है, फिर भी न केवल राज्य की राजनीति के लिए बल्कि राज्य के सामाजिक ताने-बाने के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण है.'
सीएम पद की दौड़ में थे जाखड़
जाखड़ का यह बयान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ दिल्ली जाने के दो दिन बाद आया है. अब वह पंजाब लौट चुके हैं. अमरिंदर सिंह के अचानक पद छोड़ने के बाद चन्नी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. हिंदू चेहरा जाखड़ इस पद की दौड़ में सबसे आगे थे. हालांकि, अंबिका सोनी सहित पार्टी के नेताओं ने सुझाव दिया था कि एक सिख को नियुक्त किया जाना चाहिए.
उपमुख्यमंत्री का पद ठुकराया!
बाद में यह पता चला कि 'नाराज' जाखड़ ने उपमुख्यमंत्री पद के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. उन्होंने अटकलों के बीच ट्वीट किया था कि 'छोटे दिमाग के छोटे लोग जो ऊंचे पदों पर बैठे हैं वे पंजाब को जाति/पहचान के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं.' अब चर्चा है कि जाखड़ को कोई पद दिया जा सकता है.