नई दिल्ली:आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को सरकारी बंगले खाली करने के मामले में मंगलवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. फिलहाल राघव चड्ढा को मौजूदा टाइप-7 सरकारी बंगला खाली नहीं करना होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के राज्यसभा सचिवालय की कार्रवाई पर से अंतरिम रोक हटाने के फैसले को रद्द कर दिया है. यानि राज्यसभा सचिवालय की उस कार्रवाई पर फिलहाल रोक रहेगी, जिसमें आप सांसद से टाइप-7 सरकारी बंगला खाली कर फ्लैट में शिफ्ट होने को कहा गया था.
यह भी पढ़ें-SC on Raghav Chadha Plea: सुप्रीम कोर्ट ने राघव चड्ढा के निलंबन के खिलाफ दायर याचिका पर जारी किया नोटिस
इससे पहले राघव चड्ढा ने सरकारी बंगला को लेकर कहा था कि 70 वर्ष से अधिक के इतिहास में यह अप्रत्याशित घटना है. दरअसल बीते 10 अक्टूबर को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को लुटियंस जोन में मिले टाइप 7 बंगला खाली करने का आदेश दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय के बंगला खाली करने के नोटिस को सही ठहराया था. कोर्ट का इस आदेश को राघव चड्ढा के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा था. उसी आदेश पर अब हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है.
बंगला खाली करने का आदेश आने के बाद आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा था कि नियमानुसार मुझे आवंटित किए गए आधिकारिक आवास को बिना किसी सूचना के रद्द किया गया है, जो मनमाने रवैये को दर्शाता है. राज्यसभा के 70 से अधिक वर्षों के इतिहास में यह अप्रत्याशित घटना है कि एक मौजूदा राज्यसभा सदस्य को उसके आवंटित आवास से बेदखल करने की कोशिश की जा रही है, जहां वो पिछले कुछ समय से रह रहा है और बतौर राज्यसभा सदस्य उसका कार्यकाल 4 साल से अधिक अभी भी बाकी है. उक्त जारी आदेश में कई अनियमितताएं भी हैं. राज्यसभा सचिवालय द्वारा नियमों व विनियमों का साफ तौर से उल्लंघन करते हुए ये कार्रवाई की गई है.
सरकारी बंगले को लेकर कोर्ट के आदेश के बाद राघव ने कहा कि नियमानुसार मुझे आवंटित किए गए आधिकारिक आवास को बिना किसी सूचना के रद्द किया गया है, जो मनमाने रवैये को दर्शाता है. राज्यसभा के 70 से अधिक वर्षों के इतिहास में यह अप्रत्याशित घटना है कि एक मौजूदा राज्यसभा सदस्य को उसके आवंटित आवास से बेदखल करने की कोशिश की जा रही है, जहां वो पिछले कुछ समय से रह रहा है और बतौर राज्यसभा सदस्य उसका कार्यकाल 4 साल से अधिक अभी भी बाकी है. उक्त जारी आदेश में कई अनियमितताएं भी हैं. राज्यसभा सचिवालय द्वारा नियमों व विनियमों का साफ तौर से उल्लंघन करते हुए ये कार्रवाई की गई.
यह भी पढ़ें-Case of vacating government bungalow: AAP सांसद राघव चड्ढा को बड़ा झटका, कोर्ट ने सरकारी बंगाला खाली करने का दिया आदेश