नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कथित रूप से 300 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण गबन के मामले में नीरा राडिया और नयति हेल्थकेयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड के अन्य प्रवर्तकों तथा निदेशकों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा है.
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को नोटिस भेजा गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि राडिया और अन्य से अगले सप्ताह पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.
पुलिस के अनुसार, करोड़ों रुपये के गबन के मामले में बीते गुरुवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान यतीश वहाल, सतीश कुमार नरूला और राहुल सिंह यादव के तौर पर की गई है.
उन्होंने कहा कि हड्डी रोग विशेषज्ञ राजीव कुमार शर्मा ने नयति हेल्थकेयर की होल्डिंग कंपनी नारायणी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ और राडिया, उनकी बहन करुणा मेनन, नरुला, वहाल और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
बयान में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, बताया जाता है कि शर्मा नारायणी इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के उपाध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक हैं. गुड़गांव में एक अस्पताल बनाने और चलाने के दृष्टिकोण से कंपनी बनाई गई थी. इसमें फरियादी चिकित्सक के 49 प्रतिशत शेयर हैं, जबकि बाकी 51 प्रतिशत शेयर कंपनी के दो अन्य निदेशकों चंदन मिश्रा और चर्चित मिश्रा के नाम हैं.
पुलिस के मुताबिक, फरियादी शर्मा को उनकी सेवाओं के लिए व्यावसायिक शुल्क के तौर पर 30 लाख रुपये महीने देने का भी वादा किया गया था. बताया गया कि गुड़गांव में अस्पताल के निर्माण के दौरान ओएसएल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड को कुछ वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा और अधिकतर शेयरधारकों/निदेशकों ने अपने 51 प्रतिशत शेयर 99 करोड़ रुपये मूल्य पर नारायणी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिए.