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MP Election 2023: अखिलेश यादव के बाद नीतीश कुमार ने भी कांग्रेस के खिलाफ उतारा उम्मीदवार, खतरे में INDIA गठबंधन? - नीतीश कुमार

इंडिया गठबंधन की एकता फिर खतरे में है. इसकी वजह मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा और जेडीयू का उम्मीदवार उतारना (JDU Will Contest Madhya Pradesh Elections) है. सवाल है कि जिन नीतीश कुमार की पहल पर गठबंधन बना है, उनको क्यों कांग्रेस के विरोध में चुनाव लड़ने का फैसला लेना पड़ा है. क्या अखिलेश यादव की तरह नीतीश भी खफा हैं? अगर ऐसा है तो कैसे 2024 में एकजुट होकर नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ पाएंगे.

जेडीयू मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ेगा
जेडीयू मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ेगा

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 25, 2023, 10:03 PM IST

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पटना:लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावको इंडिया गठबंधन के लिए लिटमस टेस्ट बताया जा रहा है. हालांकि इन जगहों पर इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच कोई तालमेल नहीं दिख रहा है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पहले से ही कांग्रेस के रवैये से नाराज हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश में 50 से अधिक उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. वहीं अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी वहां पांच उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है. अन्य सीटों के लिए भी उम्मीदवारों की दूसरी सूची जल्द सामने आ सकती है.

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एमपी में कांग्रेस को नीतीश का झटका: जेडीयू महासचिव अफाक अहमद ने बताया कि अभी पांच उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की गई है. हमलोग 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं. जल्द ही दूसरी सूची भी जारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि जहां तक चुनाव प्रचार की बात है तो उम्मीदवारों के नॉमिनेशन के बाद हम लोग इस पर चर्चा करेंगे. क्या नीतीश कुमार भी चुनाव प्रचार करने जा सकते हैं? इस पर आफाक अहमद ने कहा कि अभी उस पर कोई फैसला नहीं हुआ है.

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क्या कांग्रेस से खफा हैं नीतीश कुमार?:बिहार में महागठबंधन बनाने के बाद से ही नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ पूरे देश में विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. इंडिया गठबंधन के सूत्रधार भी वही हैं हैं लेकिन पटना, बेंगलुरु और मुंबई की बैठक के बाद आगे किसी तरह की कोई बैठक की चर्चा नहीं हो रही है. मध्य प्रदेश में इंडिया गठबंधन की एक रैली होने वाली थी, उसे भी कांग्रेस ने रद्द कर दिया. अभी हाल ही में नीतीश कुमार ने मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में जिस प्रकार से कांग्रेस के खिलाफ बयान दिया, उसके कारण कई तरह की चर्चा हो रही है. वहीं अब कांग्रेस के खिलाफ मध्य प्रदेश में उम्मीदवार उतारकर सपा के बाद बड़ी चुनौती कांग्रेस को दे दी है.

इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान नीतीश-राहुल और अन्य

खतरे में इंडिया गठबंधन की एकता?: राजनीतिक विशेषज्ञ अरुण पांडे का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कांग्रेस को लेकर किसी भी विपक्षी गठबंधन की वकालत करते रहे हैं. उनकी ही पहल पर इंडिया गठबंधन बना है लेकिन अब पांच राज्यों के चुनाव में मध्य प्रदेश में सिर फुटौवल की स्थिति है. ऐसे में इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठना लाजमी है. वह कहते हैं कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव पास आएगा, सीटों और पीएम फेस को लेकर भी तनातनी बढ़ेगी.

"नीतीश कुमार लगातार करते रहे हैं कि कांग्रेस के बिना इंडिया गठबंधन नहीं होगा. अब पांच राज्यों के चुनाव में मध्य प्रदेश में सिर फुटौवल की स्थिति बन गई है. इसलिए इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं. आने वाले समय में जब लोकसभा की सीटों और चेहरे पर चर्चा होगी, तब देखना होगा कि कैसे निपटा जाएगा"-अरुण पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ

जेडीयू प्रवक्ता ने दी सफाई:हालांकि जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की सहमति से क्षेत्रीय स्तर पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया है. वह कहते हैं कि जब हमलोग बीजेपी के साथ थे, तब भी कई राज्यों में अलग-अलग चुनाव लड़े थे. हालांकि मणिपुर में हमारे जीते उम्मीदवार को बीजेपी ने बाद में उठा लिया. लिहाजा एमपी चुनाव का इंडिया गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बनाया गया है.

"इंडिया गठबंधन का निर्माण लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हुआ है, विधानसभा चुनाव में अलग लड़ने से गठबंधन की एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हमलोग जब बीजेपी के साथ थे, तब भी कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में हम अलग-अलग लड़े थे"- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जनता दल यूनाइटेड

इंडिया गठबंधन में टूट तय:वहीं, बीजेपी प्रवक्ता राकेश कुमार सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन में लड़ाई शुरू है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिस प्रकार अखिलेश यादव के खिलाफ बयान दिया, उसे सभी ने देखा और सुना. कोई किसी को इंडिया गठबंधन में नेता मानने के लिए तैयार नहीं है. नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का झूठा आश्वासन दिया गया तो इंडिया गठबंधन में टूट साफ दिख रहा है.

चुनाव प्रचार से नीतीश कुमार की दूरी:राज्यों के विधानसभा चुनावों में भले ही जेडीयू उम्मीदवार उतारता हो लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार से दूरी बनाए रखते हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी प्रचार करने वह नहीं गए थे. साथ ही नागालैंड के चुनाव प्रचार से भी दूर रहे थे. हाल के कुछ वर्षों में जहां-जहां चुनाव हुए हैं, नीतीश कुमार प्रचार में नहीं गए हैं. ऐसे में अब देखना है कि मध्य प्रदेश में क्या वह जेडीयू प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने जाते हैं या नहीं. वैसे नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को कितना नुकसान होता है, यह भी देखना दिलचस्प होगा. ये तो तय है कि जेडीयू के उम्मीदवार उतारने से नुकसान कांग्रेस को ही होना है.

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