नई दिल्ली : 2019 में पुलवामा आतंकी हमलों के बाद, पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने भारतीय मिसाइल हमले के डर को पूरी तरह से टालने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने की कोशिश की थी. पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया की एक नई किताब में इस बात का जिक्र किया गया है. अपनी किताब में उन्होंने पुलवामा हमले के बाद पैदा हुए सैन्य संकट को उजागर किया है.
पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया की नई किताब का नाम 'एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमैटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' है. अपनी किताब में उन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तान के पास उन नौ मिसाइलों के बारे में विश्वसनीय जानकारी थी जिन्हें भारत ने पाकिस्तानी क्षेत्र में लॉन्च करने के लिए तैयार किया था.
उन्होंने अपनी किताब में लिखा कि भारतीय मिसाइल पाकिस्तान पर हमला करने के लिए पूरी तरह से तैयार थे. लेकिन वैश्विक वार्ताकारों के माध्यम से हुई बातचीत में भारत से रुकने के लिए कहा गया. क्योंकि भारत की और से यह आक्रामकता का एक अभूतपूर्व कार्रवाई होती जो एक तरह से खुले युद्ध की शुरुआत कर सकती थी. उन्होंने अपनी किताब में इस बात का भी जिक्र किया कि पाकिस्तानी मीडिया को भी इस बारे में पूरी जानकारी थी.
बिसारिया ने अपनी किताब में लिखा कि हालांकि, पाकिस्तान की मीडिया ने भारत की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन की खबरें तो प्रकाशित की लेकिन संभावित मिसाइल प्रक्षेपण की खबर को उस रात रोक दिया गया. बिसारिया ने अपनी किताब में लिखा कि 4 मार्च को आईएसपीआर की ओर से एक ब्रीफिंग दी गई. उन्होंने लिखा कि मार्च में कई मीडिया रिपोर्टें सामने आईं. जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच मिसाइलों हमलों के अनुमान के बीच वैश्विक वार्ताकारों के माध्यम से हुई बातचीत का विवरण प्रकाशित किया गया था.
बिसारिया ने अपनी किताब में लिखा कि भारतीय मिसाइल हमले की आशंका से डरे हुए इमरान खान ने काफी हाथ-पांव मारे. इमरान खान ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आधी रात को पीएम मोदी से फोन पर बात करने का अनुरोध किया. कॉल की व्यवस्था तत्कालीन पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहेल महमूद ने की थी. जिन्होंने दिल्ली में अपने समकक्ष से संपर्क किया था.