नई दिल्ली:कोविड-19 वायरस के बीएफ.7 वैरिएंट के प्रकोप को भांपते हुए केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों को चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग से आने वाले सभी यात्रियों के अनिवार्य आरटी-पीसीआर परीक्षण (RT-PCR testing) के साथ-साथ क्वारंटीन सुविधाओं को स्थापित करने के लिए कहा है. नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शनिवार से इसकी शुरुआत भी हो गई है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वित्त सचिव अनिल गोयल ने ईटीवी भारत से कहा, 'चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से आने वाले सभी यात्रियों का आरटी-पीसीआर परीक्षण शुरू करना अच्छा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे संक्रमित हैं या नहीं. पिछली बार हमने देखा है जब कुछ देश भारत में Covid19 वायरस के नए संस्करण का वाहक बने.'
उन्होंने कहा कि आरटी-पीसीआर जांच के बाद यात्रियों को उनके गंतव्य तक जाने दिया जाएगा. गोयल ने कहा, 'जैसा कि परिणाम के लिए न्यूनतम 24 घंटे लगते हैं, विशेष यात्री, यदि सकारात्मक पाया जाता है, तो उससे फिर से संपर्क किया जाएगा.'
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों को अपनी क्वारंटाइन सुविधाएं स्थापित करने के लिए कहा गया है.
सूत्रों ने कहा कि 'एक कोविड पॉजिटिव को होम क्वारंटाइन से सरकारी सुविधा केंद्र में शिफ्ट करना, उसकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है. और यदि किसी यात्री में लक्षण पाए जाते हैं तो उसे स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाएगा.' सूत्रों के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय एक या दो दिन में क्वारंटाइन प्रक्रिया के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर सकता है.
इससे पहले दिन में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि आगमन पर, यदि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड जैसे देशों के किसी भी यात्री में कोविड-19 के लक्षण या परीक्षण सकारात्मक पाए जाते हैं, तो उसे क्वारंटीन में रखा जाएगा.