पुरुलिया : चार साल पहले पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में तीन साल की बच्ची के अंगों में सात सुइयां चुभोकर हत्या करने की खबर से पूरा देश सदमे में था.
इस मामले में दो दोषियों, सेवानिवृत्त होमगार्ड संतन ठाकुर और मृतक बच्ची की मां मंगला गोस्वामी को मामले में दोषी ठहराया गया था. मंगलवार को पुरुलिया जिले की एक निचली अदालत ने दोनों दोषियों को फांसी की सजा का आदेश दिया. सोमवार को ही सरकारी वकील अनवर अली ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी.
2017 में तीन साल की बच्ची को इतनी अमानवीय सजा दिए जाने की खबर से पूरा देश स्तब्ध रह गया. उसके अंगों में कुल सात सुइयां चुभाई गईं थी.
पुलिस ने बच्ची को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई, पूरी घटना पुरुलिया जिले के नदियारा गांव की है. चार साल तक लंबी बहस के बाद आखिरकार पुरुलिया जिला अदालत के न्यायमूर्ति रमेश कुमार प्रधान ने फांसी की सजा का आदेश दिया.
सोमवार को कोर्ट परिसर में ही मृतक बच्ची की मां और हत्या की दाेषी मंगला गोस्वामी फूट-फूट कर रोने लगी. मंगला और दूसरे दोषी सनातन ठाकुर दोनों ने काेर्ट में निर्दोष होने का दावा किया था.
मृत्युदंड के अलावा उनमें से प्रत्येक पर 50,000 रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है.
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