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शारीरिक चुनौतियों के बावजूद हासिल की मेडिकल डिग्री, तीन राष्ट्रपतियों से मिल चुके हैं विवेक - पंजाब के विवेक

पंजाब के रहने वाले विवेक जोशी ने शारीरिक चुनौतियों के बावजूद अपने माता-पिता का सिर ऊंचा करते हुए शनिवार को मेडिकल की डिग्री हासिल की. लेकिन उनका यहां तक का सफर इतना आसान नहीं था. तो क्या है इसके पीछे की कहानी, आइए जानते हैं.

vivek joshi of achieved medical degree punjab
विवेक जोशी ने हासिल की मेडिकल डिग्री पंजाब

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Published : Jun 25, 2022, 11:13 PM IST

जालंधर:कहते हैं कि अगर इंसान ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं है. पंजाब के रहने वाले विवेक जोशी की भी कहानी कुछ ऐसी ही है जो हमारे देश के करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है. विवेक सेरेब्रल पाल्सी नामक बीमारी से पीड़ित हैं जिसके कारण वे न तो सामान्य लोगों की तरह बोल सकते हैं और न ही उनके हाथ पैर सामान्य व्यक्तियों की तरह का काम करते हैं. बावजूद इसके, उन्होंने शनिवार को मेडिकल की डिग्री हासिल की. उनकी उपलब्धियां यहीं खत्म नहीं होतीं.

पंजाब के विवेक जोशी ने हासिल की मेडिकल डिग्री

जालंधर के बंसत क्षेत्र में रहने वाले विवेक का जीवन हमेशा से ही संघर्षपूर्ण रहा. बचपन से वह सेरेब्रल पाल्सी के चलते न ठीक से बोल सकते थे और न ही चल-फिर सकते थे. उनके इलाज के लिए उनके माता-पिता ने पंजाब से लेकर दिल्ली और मुंबई के कई अस्पतालों में चक्कर लगाए लेकिन कोई संतोषजनक परिणाम नहीं मिला. डॉक्टरों का कहना था कि विवेक कभी भी सामान्य जीवन नहीं जी पाएंगे और उन्हें हमेशा सहारे की जरूरत होगी.

विवेक ने इन सब बातों को धता बताते हुए अपने माता-पिता के सहयोग से बीए, एलएलबी, एलएलएम, एमबीए जैसी डिग्रियां हासिल कीं जिनमें शनिवार को मेडिकल की डिग्री भी शामिल हो गई. इसके साथ ही वह फिलहाल पीएचडी कर रहे हैं. इतना ही नहीं, विवेक अब तक करीब 500 से भी अधिक बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे चुके हैं. विवेक कहते हैं कि उन्हें बच्चों को पढ़ाने में काफी अच्छा लगता है. अपने इस कार्य के चलते वे अब तक पूर्व राष्ट्रपति- एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी से सराहना पाने के साथ वे वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से वेस्ट आईकॉनिक मीडियम अवार्ड से सम्मानित भी हो चुके हैं.

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उनकी मां कौशल्या जोशी कहती हैं कि कभी बेटे की हालत देखकर डॉक्टरों ने उन्हें जवाब दे दिया था लेकिन उनके बेटे ने नाम रोशन करते हुए असंभव को भी संभव कर दिखाया है. अपने परिवार के इकलौते बेटे विवेक के इस सफर में उनके पिता ने भी उनका भरपूर साथ दिया जिसके चलते वे आज एक मुकाम पर पहुंच सके हैं.

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