नई दिल्ली : पंजाब में होने वाले चुनाव से पहले (Before the elections in Punjab) पंजाब के शिक्षकों ने सोनिया गांधी के आवास के बाहर प्रदर्शन (Protest outside Sonia Gandhi's residence) किया है. पंजाब के अलग-अलग जिलों से आए प्राथमिक शिक्षकों ने प्रदर्शन किया है.
दरअसल, इनकी बहाली पंजाब सरकार के अंतर्गत 4500 शिक्षकों के साथ हुई थी. इनका कहना है कि बाकी शिक्षकों की तरह ये भी स्थाई शिक्षक ही हैं लेकिन बिना कारण बताए इनके वेतन में पिछले एक साल से कटौती की जा रही है और यह लगभग आधे वेतन पर काम करने को मजबूर हैं.
इनकी मांग है कि बराबर काम के बदले बराबर वेतन दिया जाए (Equal pay for equal work)और वे इसे अपना अधिकार भी मानते हैं. बता दें कि 180 शिक्षकों के इसी समूह ने बीते सप्ताह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आवास के बाहर भी शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया था.
दिल्ली में किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन की अनुमति न होने के कारण कुछ घंटों बाद इन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा वापस जाने को कहा गया और ये शिक्षक वापस चले गए थे. ठीक एक सप्ताह बाद ये शिक्षक एक बार फिर दिल्ली लौटे और सोनिया गांधी के आवास के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.
हाथों में गुलाब का फूल लेकर सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचे पंजाब के शिक्षक शिक्षकों ने कोई नारेबाजी नहीं की और हाथों में गुलाब का फूल लिए खड़े रहे. इनका कहना है कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है लेकिन वह इनकी नहीं सुन रही. इस तरह के विरोध प्रदर्शन इन्होंने पंजाब में भी किए हैं और शिक्षा मंत्री सरदार परगट सिंह के आवास के बाहर भी जुटे.
शिक्षा मंत्री परगट सिंह (Education Minister Pargat Singh) से इनकी कई मुलाकातें भी हो चुकी हैं और परगट सिंह ने स्वयं मीडिया में सार्वजनिक रूप से भी यह कहा है कि इन 180 शिक्षकों के साथ गलती हुई (180 teachers went wrong) है. इन सब के बावजूद कार्यवाही के नाम पर एक साल में भी कुछ नहीं किया गया. शिक्षकों में पंजाब सरकार के प्रति रोष है.
इन शिक्षकों का मानना है कि दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास पर प्रदर्शन (Protest at Sonia Gandhi's residence) करने से शायद उनकी आवाज पार्टी आलाकमान तक पहुंचेगी और चुनावी मौसम में पार्टी अध्यक्ष के आदेश के बाद शायद चन्नी सरकार उन्हें पूरा वेतन दिए जाने का आदेश जारी कर दे.
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राज्य में चंद महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में ये शिक्षक अपनी गुहार के साथ बार-बार दिल्ली का रुख इसलिए कर रहे हैं कि इनकी समस्या का निदान हो सके. इनका कहना है कि या तो सरकार इन्हें पूरा वेतन दे या न देने का कारण लिखित में बताए.