चंडीगढ़:पंजाब को एक सुरक्षित राज्य बनाने के मुख्यमंत्री भगवंत मान के अभियान को उस समय बड़ी सफलता मिली जब पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान-आईएसआई ऑपरेशन में स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) से पहले विदेश स्थित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के पांच गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया. सीमावर्ती प्रांत की शांति एवं सौहार्द बिगाड़ने की साजिश को विफल कर दिया.
इस संबंध में जानकारी देते हुए पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि विदेश स्थित आतंकवादी तत्वों ने राज्य की शांति और सद्भाव को बाधित करने के लिए जेल में बंद अपराधियों के माध्यम से अपने गिरोह के सदस्यों को भर्ती किया है. एसएएस नगर (मोहाली) के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने तुरंत मामला दर्ज किया और एक विशेष अभियान शुरू किया, जिसके तहत केएलएफ के पांच गुर्गों को गिरफ्तार किया गया है.
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि करीब दो सप्ताह तक चले इस ऑपेशन का मकसद खुफिया जानकारी एकत्र करना, तकनीकी विश्लेषण और त्वरित कार्रवाई करना था. इस अभियान के जरिए पंजाब पुलिस को इस नापाक साजिश में शामिल आतंकवादियों की पहचान करने में मदद मिली. उन्होंने बताया कि यह नवगठित मॉड्यूल 24 जून, 2023 को बटाला में राजीव महाजन को निशाना बनाने और राज्य में विभिन्न हत्याओं को अंजाम देने वाले विदेशी हैंडलर्स से जुड़ा पाया गया है. उन्होंने कहा कि यह अलग मॉड्यूल चला रहे थे.
जेल में बंद अपराधियों के माध्यम से गिरोह के सदस्यों की भर्ती: डीजीपी ने कहा कि जांच के दौरान यह भी पता चला है कि केएलएफ कार्यकर्ता भारत में फर्जी नाम रणजोध सिंह का इस्तेमाल कर युवाओं की पहचान कर रहे हैं और जेल में बंद अपराधियों के जरिए गिरोह के सदस्यों की भर्ती कर रहे हैं. फिर वे ऐसे युवाओं को लुभाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं और राज्य में हत्याओं को अंजाम देने के लिए उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करते हैं.
राज्य में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस प्रतिबद्ध: डीजीपी ने दोहराया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब पुलिस राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और राष्ट्र-विरोधी तत्वों के नापाक मंसूबों को सफल नहीं होने दिया है. ऑपरेशन के बारे में विस्तार से बताते हुए एआईजी एसएसओसी एसएएस नगर अश्विनी कपूर ने कहा कि यह पाया गया कि केएलएफ के विदेशी-आधारित संचालकों ने मॉड्यूल सदस्यों को लक्षित व्यक्तियों की सूची प्रदान की थी और उन्होंने पहले ही कुछ व्यक्तियों को फिर से पकड़ लिया था.
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इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153, 153-ए और 120-बी, शस्त्र अधिनियम की धारा 25 (7) और 25 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 18 और 20 के तहत. पुलिस स्टेशन एसएसओसी एसएएस नगर में मामला पहले ही दर्ज हो चुका है.