चंडीगढ़ : पंजाब में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की टीम ने शनिवार को चंडीगढ़ और जालंधर जिले में प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापक और नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू और खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. एनआईए ने पन्नू की दो संपत्तियों को जब्त कर लिया है. साथ ही उसके आवास के बाहर संपत्ति जब्त किये जाने संबंधी नोटिस चिपकाया गया. एनआईए मोहाली कोर्ट के आदेश पर शनिवार को एक टीम ने ये कार्रवाई की. एनआईए अधिकारियों ने चंडीगढ़ में पन्नू के घर के बाहर संपत्ति जब्ती का नोटिस चिपकाया. वहीं, जालंधर जिले के भारसिंहपुरा गांव में निज्जर के आवास के बाहर संपत्ति जब्ती का नोटिस चिपकाया गया है.
जानकारी के मुताबिक, मोहाली के एसएएस नगर स्थित एनआईए की विशेष अदालत द्वारा पारित जब्ती आदेशों का पालन करते हुए यह कार्रवाई की गई. एनआईए के अधिकारी ने कहा कि जब्त की गई संपत्तियों में अमृतसर के खानकोट गांव में 46 कनाल (5.7 एकड़) कृषि भूमि और चंडीगढ़ के सेक्टर 15/सी क्षेत्र में एक मकान का एक-चौथाई हिस्सा शामिल है. प्रवक्ता के मुताबिक ये संपत्तियां पहले दो अलग-अलग मामलों में सरकार द्वारा पारित आदेशों के बाद कुर्क की गई थीं. उन्होंने कहा कि अब इन संपत्तियों को पांच अप्रैल, 2020 को दर्ज एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की संबंधित धारा के तहत अदालत के आदेश पर जब्त कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि ‘संपत्ति जब्त करने संबंधी नोटिस’ खालिस्तान समर्थक पन्नू के चंडीगढ़ स्थित आवास के बाहर और अमृतसर में एक कृषि भूमि के समीप लगाया गया है.
नोटिस में कहा गया है कि चंडीगढ़ के सेक्टर 15-सी के मकान नंबर 2033 का एक चौथाई हिस्सा, एनआईए के मामले में घोषित अपराधी गुरपतवंत सिंह पन्नू के स्वामित्व वाला है, जिसे एनआईए की विशेष अदालत,एसएएस नगर, मोहाली, पंजाब के आदेशों पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, 1967 की धारा 33 (5) के तहत जब्त किया जाता है. यह सूचना आम जनता के लिए है. यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत की गई है.
एनआईए के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमने पंजाब के अमृतसर और चंडीगढ़ में पन्नू की दो संपत्तियों को जब्त कर लिया है." अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने पन्नू की जिन संपत्तियों को जब्त किया है, उनमे अमृतसर जिले के बाहरी इलाके में स्थित पैतृक गांव खानकोट में 46 कनाल कृषि संपत्ति भी शामिल है. अधिकारी ने यह भी कहा कि चंडीगढ़ के सेक्टर 15 इलाके में उनकी आवासीय संपत्ति भी जब्त कर ली गई है. पन्नू की संपत्ति के बाहर आतंकवाद विरोधी जांच कार्रवाई के बारे में जानकारी देने वाला होर्डिंग भी लगाया.
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जब्ती के बाद, पन्नू ने संपत्ति का अधिकार खो दिया और संपत्ति अब सरकार की है. 2020 में, उनकी संपत्ति कुर्क कर ली गई थी, जिसका मतलब था कि वह संपत्ति बेच नहीं सकता था. एसएफजे को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 3(1) के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया है. यह मामला पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को विदेशों से वित्त पोषण, समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने और युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए कट्टरपंथी बनाने से संबंधित है.
यह पहली बार है कि एनआईए के किसी फरार आरोपी की संपत्ति यूएपीए की धारा 33(5) के तहत जब्त की गई है. यह मामला मूल रूप से 19 अक्टूबर, 2018 को अमृतसर शहर के सुल्तानविंड पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया था और बाद में एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया था. इस मामले में अब तक पन्नू समेत कुल 10 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जा चुका है. पन्नू 2019 से ही एनआईए के रडार पर है, जब सुरक्षा एजेंसी ने आतंकवादी के खिलाफ अपना पहला मामला दर्ज किया था.
पन्नू अपनी धमकियों और डराने-धमकाने की रणनीति के माध्यम से पंजाब और देश में अन्य जगहों पर आतंकवादी कृत्यों और गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा उन्हें संचालित करने के अलावा भय और आतंक फैलाने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है. विशेष एनआईए अदालत ने तीन फरवरी, 2021 को पन्नू के खिलाफ गिरफ्तारी के गैर-जमानती वारंट जारी किए गए थे और उसे पिछले साल 29 नवंबर को 'घोषित अपराधी' घोषित किया गया था. एनआईए के प्रवक्ता ने कहा, "जांच से पता चला है कि पन्नू का संगठन, एसएफजे भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी अपराधों और गतिविधियों के लिए उकसाने के लिए साइबरस्पेस का दुरुपयोग कर रहा था."
एनआईए अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला है कि पन्नू एसएफजे का मुख्य संचालक और नियंत्रक था, जिसे 10 जुलाई, 2019 को केंद्र द्वारा 'गैरकानूनी संगठन' घोषित किया गया था. एनआईए के प्रवक्ता के मुताबिक पन्नू देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को चुनौती देते हुए पंजाब स्थित गैंगस्टर और युवाओं को खालिस्तान के लिए लड़ने के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय रूप से उकसा रहा है. अमृतसर में लगाए गए नोटिस में लिखा गया है कि (अमृतसर) जिले के खानकोट गांव में गुरपतवंत सिंह पन्नू के स्वामित्व वाली कृषि भूमि जब्त की जाती है. नोटिस में उक्त जमीन का विवरण भी दिया गया है. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को हुई सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत और कनाडा के बीच जारी राजनयिक विवाद के बीच एनआईए ने यह कार्रवाई की है. पन्नू ने कथित तौर पर कनाडा में मौजूद हिंदुओं से देश छोड़कर भारत जाने को कहा है. पन्नू को केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकवादी घोषित किया था.