Chandrayaan 3: रॉकेट वैज्ञानिक का दावा, 40 साल में चंद्रमा पर तिरंगा फहराने वाला दूसरा देश होगा भारत
चंद्रयान 3 आज शाम करीब 6:04 बजे चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा. जिससे पूरी दुनिया की नजरें इस पर टिकी हैं. इस बारे में रॉकेट वैज्ञानिक दिव्यांशु पोदार का कहना है कि अगर मिशन सफल रहा तो भारत 40 साल में चांद पर तिरंगा फहराने वाला दूसरा देश होगा. पढ़ें पूरी खबर...
लुधियाना : देश को चंद्रयान-3 की सफलता से काफी उम्मीदें हैं, जो आज शाम करीब 6:04 बजे चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. अगर इसमें कोई तकनीकी दिक्कत आती है तो इसकी लैंडिंग 27 अगस्त तक टाली जा सकती है. यह इसरो का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसमें चंद्रयान 3 विक्रम को उतारेगा.
मिशन सफल हुआ तो मिल सकता है करोड़ों का कारोबार: वहीं, चंद्रयान 2 की असफलता से पूरे देश की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. इतना ही नहीं पूरी दुनिया की नजरें भारत के इस प्रोजेक्ट पर टिकी हुई हैं. इस मिशन पर करीब 600 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. शाम 5:27 बजे इसरो अपने केंद्र से लाइव प्रसारण शुरू करेगा. अगर आज चंद्रयान 3 सही तरीके से लैंड करता है तो इससे भारत को करोड़ों रुपये का कारोबार मिलेगा क्योंकि रूस, अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया भी चंद्रमा पर अपना बेस बनाने की तैयारी कर रहे हैं. यदि आज भारत इतिहास में अपना नाम दर्ज करा ले तो वह विश्व का अग्रणी देश बन जायेगा.
चंद्रमा पर पानी समेत अन्य चीजों पर शोध: चंद्रयान-2 मिशन में शामिल इसरो में काम कर चुके वैज्ञानिक दिव्यांशु पोदार ने कहा कि यह मिशन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इससे चंद्रमा पर देश की ताकत बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 आज चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. इस बीच चांद पर पानी समेत अन्य चीजों पर शोध होगा. हालांकि, अगर लैंडिंग में कोई दिक्कत आती है तो दूसरा प्रयास 27 या 28 अगस्त को किया जाएगा.
इस मिशन ने देश की युवा पीढ़ी को एक नई दिशा दी :भारतीय वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 से बहुत कुछ सीखा है. बच्चों को रॉकेट साइंस की ट्रेनिंग देने वाले दिव्यांशु पोदार ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन ने देश की युवा पीढ़ी को नई दिशा दी है. हालांकि उन्होंने कहा कि चंद्रयान 2 की असफलता के कारणों पर बात नहीं की जा सकती, लेकिन इतना जरूर है कि प्रयास ही आपको सफलता दिलाता है. उन्होंने युवा पीढ़ी और बच्चों से अपने क्षेत्र के बारे में शोध करने और पढ़ने का आग्रह किया.