चंडीगढ़ :पंजाब के फिरोजपुर जिले के एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य ने 12 साल के इंतजार के बाद स्कूल की चार छात्राओं के राज्य बोर्ड परीक्षा की मेधा सूची में जगह बनाने पर उनकी हवाई यात्रा की इच्छा पूरी करने का फैसला किया. फिरोजपुर स्थित जीरा के शहीद गुरदास राम मेमोरियल उच्च माध्यमिक विद्यालय (कन्या) के प्रधानाचार्य राकेश शर्मा छात्राओं की हवाई यात्रा का खर्च अपनी जेब से दे रहे हैं.
शर्मा के मुताबिक, स्कूल की 10वीं और 12वीं कक्षा की छात्राएं पिछले 12 साल से पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षा की मेधा सूची में जगह नहीं बना पा रही थीं. शर्मा ने बताया कि छात्राओं को पढ़ाई में कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करने के मकसद से उन्होंने उनसे उनकी इच्छाओं के बारे में पूछा था और कहा था कि अगर उन्होंने मेधा सूची में जगह हासिल की तो वह उनकी इच्छा जरूर पूरी करेंगे. शर्मा ने कहा, 'कुछ छात्राओं ने 'जहाज दा झूटा' (हवाई यात्रा) की इच्छा जताई थी और मैंने उनसे कहा था कि मैं उनकी इच्छा पूरी करने के लिए तैयार हूं.'
उन्होंने कहा, 'मैंने एक प्रार्थना सभा में घोषणा की कि अगर 10वीं या 12वीं कक्षा की कोई भी छात्रा बोर्ड परीक्षा की मेधा सूची में जगह हासिल करती है, तो मैं देश के भीतर उनकी पसंद के किसी भी गंतव्य के लिए उनकी हवाई यात्रा का खर्च उठाऊंगा.' स्कूल की अधिकांश छात्राएं गरीब और निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों से हैं.
शर्मा ने कहा, 'ईश्वर की कृपा से चार छात्राओं-10वीं कक्षा की दो और 12वीं कक्षा की दो छात्राओं-ने बोर्ड परीक्षा की मेधा सूची में स्थान हासिल किया.' शर्मा ने कहा, '12वीं कक्षा की दो छात्राएं भजनप्रीत कौर और सिमरनजीत कौर पिछले साल नवंबर में विमान से अमृतसर से गोवा गई थीं. दोनों ने गोवा में इंडिया इंटरनेशनल इनोवेशन एंड इन्वेंशन एक्सपो (आईएनईएक्स-2022) में हिस्सा लिया था.' भजनप्रीत के पिता एक स्थानीय गुरुद्वारे में ग्रंथी हैं, जबकि सिमरनजीत के पिता एक ट्रक मैकेनिक हैं.