चंडीगढ़: पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच जारी तनातनी तेज हो गई है. बजट सत्र बुलाने की अनुमति के लिए पंजाब सरकार ने राज्यपाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मामले की सुनवाई सोमवार को होगी. यह जानकारी पंजाब से राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने दी है. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से भी कहा गया है कि उन्हें दिल्ली का मेयर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था.
इस स्थिति में भी मजबूरन पंजाब में भी बजट सत्र बुलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा है. इसी तरह पंजाब से राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि राज्यपाल से 22 फरवरी को सदन बुलाने की अनुमति मांगी गई थी लेकिन राज्यपाल ने अनुमति नहीं दी.
आपको बता दें कि पंजाब का बजट सत्र 3 मार्च से शुरू होना है और 10 मार्च को बजट पेश किया जाना है, लेकिन पंजाब के राज्यपाल ने इसकी अनुमति नहीं दी है.
सीएम भगवंत मान ने किया ट्वीट :रविवार को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने ट्वीट कर कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की झलक...दिल्ली में बहुमत के बावजूद मेयर बनाने सुप्रीम कोर्ट जाओ... डिप्टी मेयर बनाने सुप्रीम कोर्ट जाओ... पंजाब विधानसभा को बजट सत्र कराने सुप्रीम कोर्ट जाना है... लोकतंत्र की तलाश जारी है.' ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि तीन मार्च से शुरू हो रहे पंजाब विधानसभा का सत्र बुलाने से पहले मैं इस मुद्दे पर कानूनी राय लूंगा.
टीचरों के सिंगापुर जाने पर उठाए थे सवाल : बता दें कि कल पंजाब के प्रधानाचार्य विशेष प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर गए थे. पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने प्रधानाध्यापकों के चयन को लेकर सीएम मान से तरह-तरह के सवाल पूछे. राज्यपाल ने कहा था कि किस पैमाने के तहत प्रधानाध्यापकों का चयन किया गया, प्रधानाध्यापकों के चयन के लिए पंजाब सरकार ने कौन सा विज्ञापन प्रकाशित किया, इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री यह भी बताएं कि क्या प्रधानाध्यापकों ने इस दौरान कुछ खास सीखा या नहीं. उन पर कितना व्यय किया गया.
इसके साथ ही एक और मुद्दा भी राज्यपाल ने उठाया था. इससे पहले राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने पत्र में कहा था कि उन्हें इस संबंध में गाली-गलौज और अनियमितता की शिकायतें मिली थीं. राज्यपाल ने अपने पत्र में गुरिंदरजीत सिंह जवंदा को पंजाब सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी निगम का चेयरमैन बनाए जाने पर भी सवाल उठाया है. राज्यपाल ने एक पखवाड़े में जवाब मांगा है नहीं तो आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी सलाह लेने की बात कही थी.
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