चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने पूर्व विधायकों को केवल एक कार्यकाल के लिए पेंशन देने संबंधी विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है. राज्य विधानसभा ने 30 जून को पंजाब राज्य विधानसभा सदस्य (पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं नियमन) संशोधन विधेयक, 2022 पारित किया था.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा कि 'एक विधायक, एक पेंशन' को लागू करने वाली अधिसूचना से न केवल राजनीतिक व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि उनकी पार्टी के मौजूदा कार्यकाल में लगभग 100 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है. राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने 'एक विधायक, एक पेंशन' संशोधन की गजट अधिसूचना को मंजूरी दी. मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि पिछले 75 सालों में सरकारी खजाने से बेतहाशा वेतन और पेंशन लेकर निर्वाचित प्रतिनिधि राजनीतिक कार्यकारिणी बन गए हैं.
उन्होंने कहा कि इन नेताओं को दी जाने वाली पेंशन सुविधा का पूरा बोझ करदाताओं द्वारा वहन किया जाता है. उनके पैसे का दुरुपयोग इन नेताओं की जेब भरने के लिए किया जाता है, न कि जनकल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार द्वारा महान स्वतंत्रता सेनानियों और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतिष्ठित नायकों को भी विनम्र श्रद्धांजलि है, जिन्होंने समानता पर आधारित समाज बनाने के लिए राष्ट्र के लिए अपना जीवन लगा दिया.
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मान ने कहा कि उनकी सरकार उनकी आकांक्षाओं को संजोने और रंगला पंजाब के रूप में राज्य के गौरव को बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. उन्होंने कहा, 'राजनीति लोगों की सेवा है.' उन्होंने यह भी कहा कि विधायकों ने स्वेच्छा से लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में प्रवेश किया है और इस सेवा के बदले पेंशन का दावा करने की उनकी कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं है.