चंडीगढ़ : पंजाब में संविदा कर्मचारियों की सेवाओं के नियमितीकरण संबंधी फाइल की स्थिति स्पष्ट करते हुए पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित (Punjab governor Banwarilal Purohit) ने कहा है कि पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (chief minister Charanjit Singh Channi) के द्वारा मीडिया के साथ साझा की गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है.
अपने बयान में राज्यपाल ने कहा है कि संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने संबंधी फाइल छह प्रश्नों के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय को लौटा दी गई थी, जिनका उत्तर राज्य सरकार द्वारा अभी तक नहीं दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस फाइल को 31 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्राप्त की थी और उठाए गए प्रश्नों का उत्तर मिलना अभी भी बाकी है.
राज्यपाल ने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री को फाइल पर उठाए गए सवालों का जवाब देने की सलाह देता हूं.' उन्होंने आगे कहा, 'एक बार जवाब आने के बाद, राज्यपाल के सचिवालय में बिल की फिर से जांच की जाएगी.'
गौरतलब है कि संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने संबंधी विधेयक 11 नवंबर, 2021 को राज्य विधानसभा में पारित किया गया था. फिर लगभग बीस दिनों के अंतराल के बाद इस फाइल को 1 दिसंबर, 2021 को पंजाब राजभवन को भेजा गया.
ये भी पढ़ें -कर्मचारियों को नियमित करने वाले विधेयक को मंजूरी नहीं मिलने पर चन्नी ने धरने की चेतावनी दी
हालांकि दिसंबर माह के दौरान राज्यपाल प्रदेश के विभिन्न जिलों के दौरे पर थे. राज्यपाल ने 21 दिसंबर को अपना दौरा समाप्त किया उसके बाद 23 दिसंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री ने पंजाब राजभवन में आकर उनसे मुलाकात की. इसके बाद फाइल का विधिवत अध्ययन किया गया और 31 दिसंबर, 2021 को अवलोकन/प्रश्नों के साथ उसे मुख्यमंत्री कार्यालय को लौटा दिया गया.
बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर 36,000 संविदा कर्मचारियों को नियमित करने संबंधी विधेयक पर मंजूरी रोके रखने का आरोप लगाते हुए इसको लेकर उनके खिलाफ 'धरना' देने की चेतावनी दी थी. चन्नी ने साथ ही पुरोहित पर भाजपा के दबाव में विधेयक को मंजूरी देने में देरी करने का भी आरोप लगाया था.