चंडीगढ़ : मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर पर मंगलवार को धरने पर बैठे 23 किसान संगठनों का आंदोलन रंग लाया. बुधवार को किसान संगठनों के नेताओं ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक की. वार्ता के बाद किसान संगठनों और सरकार के बीच समझौता हो गया है. पंजाब सरकार की ओर से किसानों की 12 मांगों को मान लिया गया है. मीटिंग के बाद जारी बयान में किसान नेताओं ने कहा कि सीएम भगवंत मान के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में मीटिंग हुई, जिसमें किसानों की 70 फीसदी मांगों को सरकार ने मान लिया है, इसलिए मोहाली और चंडीगढ़ बॉर्डर पर चल रहे धरने को खत्म कर दिया गया है. पंजाब के पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल ने किसानों का धरना वापस लेने की पुष्टि की.
बताया गया है कि किसानों की मांग के तहत पंजाब सरकार एक बार फिर धान बुवाई के लिए राज्य को चार के बजाय दो जोन में बांटने के लिए राजी हो गई. पहले जोन में 14 जून और दूसरे जोन में 17 जून को धान की बुवाई की जाएगी. एमएसपी को लेकर भी किसानों और सरकार में सहमति बनी. सरकार ने मक्का और बासमती के संबंध में अधिसूचना दिखाकर किसानों को विश्वास में लिया है. जमीन पर अवैध कब्जे के मुद्दे पर चर्चा के लिए किसान 23 मई को फिर से पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल के साथ बैठक करेंगे. साथ ही सरकार ने भरोसा दिया है कि अब किसी किसान के खिलाफ वारंट जारी नहीं होगी और न ही उनकी गिरफ्तारी होगी.
सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने डीएसआर टेक्नोलॉजी अपनाने वाले किसानों के लिए 1500 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन को मंजूरी दी है. इसके लिए 450 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है. सीएमओ की ओर से जारी बयान के अनुसार, पॉन्डलिंग प्रोसेस से 15-20 फीसदी पानी की बचत होने की संभावना है. इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में शहीद सैनिकों के परिवारों को 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने का फैसला किया गया. इसके अलावा विशिष्ट सेवा पुरस्कार विजेताओं को नकद पुरस्कार को भी मंजूरी दी गई. किसानों की प्रमुख मांगें, जो सरकार ने मान ली
- गेहूं की पैदावार कम होने पर 500 रुपये प्रति एकड़ बोनस दी जाए.
- इलेक्ट्रॉनिक बिजली मीटर लगाने का निर्णय रद्द किया जाए.
- MSP पर मक्का और मकई की खरीद के लिए अधिसूचना जारी हो.
- बासमती चावल का मूल्य 4500 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाए.
- भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में पंजाब के प्रतिनिधित्व तय हो.
- धान की रोपाई के लिए किसानों को 10 जून से बिजली व नहर का पानी उपलब्ध कराई जाए.
- खेती के लिए उपयोग में लाए जा रहे मोटरों की फीस कम किया जाए.
- गन्ने का बकाया मूल्य वृद्धि की घोषणा भी जल्द की जाए.
- कर्ज लेने वाले किसानों के खिलाफ वारंट और कुर्की की कार्रवाई बंद हो.
- पंचायत के नाम पर किसानों की जमीन पर कब्जा रोका जाए .
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने मांगें मान लीं हैं, मगर इसे जल्द लागू नहीं किया गया तो वह फिर धरने पर बैठेंगे. इस बीच आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने विपक्ष की आलोचना की है. उन्होंने किसानों के मुद्दे सुलझाने के लिए सीएम भगवंत मान की तारीफ की है.
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