अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में शिक्षा पर तीन दिवसीय जी-20 बैठक का आयोजन बुधवार से शुरू हुआ. इसमें प्रतिभागियों ने समान विकास के लिए राष्ट्रों के बीच समन्वय पर ध्यान केंद्रित किया. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कार्य और नवाचार के भविष्य पर चर्चा करने के लिए इस कार्यक्रम के जरिये जी-20 एजुकेशन वर्किंग ग्रुप के प्रतिनिधि एकसाथ आए. अमृतसर में यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा. इस दौरान कई जी-20 सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इसके अलावा श्रमिकों के लिए एल-20 बैठक का आयोजन 19 मार्च और 20 मार्च को किया जाएगा. वहीं, आईआईटी रोपड़ द्वारा अन्य प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों के सहयोग से बुधवार को खालसा कॉलेज में ‘अनुसंधान को मजबूत करने व समृद्ध सहयोग के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने’ के विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में भारत सरकार के उच्च शिक्षा सचिव के संजय मूर्ति भी शामिल हुए. आईआईटी हैदराबाद के निदेशक बी एस मूर्ति ने वैश्विक समस्याओं का समाधान खोजने के लिए सरकार-शिक्षा-उद्योग के बीच तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत में शिक्षा में क्रांतिकारी सुधार लेकर आई है.
जी-20 को लेकर जहां हर तरफ चर्चा है, वहीं किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. वे कहते हैं कि जिन्होंने हमारे लोगों पर अत्याचार किया, जिन्होंने भगत सिंह को फांसी दी. आज हमारी सरकारें उनकी मेजबानी कर रही हैं. किसान इसका विरोध कर रहे हैं. इस मौके पर बोलते हुए किसान नेता हरिंदर बिंदू ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार जी-20 में देशों की मेजबानी कर रही है. उन्होंने सदियों से हमारा शोषण किया है. जलियांवाला बाग में निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाकर शहीद ए आजम और दूसरे क्रांतिकारियों को फाँसी देकर शहीद कर दिया गया था, उनकी मेजबानी कर सरकार हमारा दिल तोड़ रही है और इस वजह से हम जी20 के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.