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पंजाब चुनाव : कैप्टन अमरिंदर सिंह और संयुक्त दल गठबंधन को लेकर चल रही है बातचीत - हरजीत ग्रेवाल - Harjit Grewal, member of BJP National Executive

अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं. वहीं किसान आंदोलन खत्म होने से भारतीय जनता पार्टी राहत का सांस ले रही है. राज्य में चुनाव को लेकर पार्टी की क्या तैयारियां चल रही हैं, इस पर ईटीवी भारत ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हरजीत ग्रेवाल से खास बातचीत की. पढ़िए ईटीवी भारत संवाददाता भूपेंद्र जिस्टू की रिपोर्ट...

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बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हरजीत ग्रेवाल

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Published : Dec 11, 2021, 6:00 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 8:06 PM IST

चंडीगढ़ : पंजाब में अगले साल 117 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं. सभी पार्टियां आगामी चुनाव के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही हैं. इसी को लेकर बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हरजीत ग्रेवाल ने इस पूरे विषय पर अपनी बात रखी.

बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हरजीत ग्रेवाल से ईटीवी भारत की विशेष बातचीत.

प्रश्न : किसान आंदोलन अब खत्म हो चुका है. केंद्र सरकार ने भी सारी मांगें किसानों की मान ली हैं. इसके बाद बीजेपी के लिए पंजाब में आप किस तरीके की स्थिति देखते हैं?

उत्तर :किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त कर लिया, यह बहुत अच्छी बात है. इसकी वजह से पंजाब की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला करके लोकतंत्र को और मजबूत किया है. कुछ किसान संगठन सरकार के इस कदम को नहीं मान रहे थे जिसकी वजह से सरकार को इन कानूनों को वापस लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान सरकार ने किसानों पर किसी भी तरह का इस अत्याचार नहीं किया और इससे लोकतंत्र और मजबूत हुआ है.

उन्होंने कहा कि हालांकि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून अच्छे थे और किसानों के हितों में थे लेकिन कुछ विरोध होने के बाद केंद्र सरकार ने इन्हें वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे देशों में भी यही कानून है. उन्होंने कहा कि किसी जमाने में हमारा छह रुपए, एक डालर के बराबर हुआ करता था. वहीं इसी तरह के कानूनों से अमेरिका की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है और आज डॉलर की कीमत सबके सामने है. जिन कानूनों को नस्ल और फसल खराब करने वाला बताया जा रहा है था वही वहां काम कर रहे हैं. अगर उनमें कोई बुराई होती तो क्या प्रधानमंत्री उन्हें लागू करते. इसलिए किसानों को पहले उन कानूनों का अच्छे से अध्ययन कर लेना चाहिए. फिर आगे इसको लेकर बातचीत करनी चाहिए.

हालांकि किसानों की कुछ बातें सही भी हो सकती हैं लेकिन कुछ को लेकर उन्हें भी सोचना होगा. जैसे कि पराली जलाने को लेकर वे उसे गलत बताते हैं लेकिन उससे पर्यावरण के साथ-साथ सब के स्वास्थ्य को भी हानि होती है. उसके प्रदूषण से किसान हो या कोई और सभी को सांस लेने में दिक्कत आती है. इसलिए किसानों को इस ओर भी सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि आने वाला समय बीजेपी के लिए पंजाब में बहुत अच्छा है. लोगों को भी समझ आ गया है. आंदोलन में चार, पांच लाख लोग शामिल थे, लेकिन और भी प्रदेश में जनता है वह इस चीज को समझती है.

प्रश्न : वैसे तो आपकी पार्टी की कैप्टन अमरिंदर सिंह और संयुक्त दल गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है. कैप्टन और पंजाब प्रभारी गजेंद्र शेखावत की मुलाकात भी हो चुकी है. क्या पंजाब बीजेपी इन दोनों दलों के साथ गठबंधन करके आगे बढ़ने के लिए तैयार है?

उत्तर : इस संबंध में हरजीत ग्रेवाल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया तो है, लेकिन अभी तक पंजाब बीजेपी को उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सभी 117 सीटों पर तैयारियां कर रहे हैं. जैसे ही ऊपर से कोई आदेश आएगा उसको सभी मानेंगे. पार्टी को पंजाब के हित में अगर किसी तरह का गठबंधन करने की जरूरत होगी तो केंद्र इसे जरूर करेगा. हालांकि बिना गठबंधन के भी हम पंजाब में इस वक्त मजबूत हैं.

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प्रश्न : पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अभी तक शिरोमणि अकाली दल ने लगभग अपने सभी उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. वही आम आदमी पार्टी ने भी 40 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. ऐसे में आप बीजेपी की वर्तमान स्थिति कैसे देखते हैं? पार्टी कब तक इसको लेकर कोई फैसला करेगी?

उत्तर :हरजीत ग्रेवाल ने कहा कि बीजेपी में एक व्यवस्था है, जिसके तहत वह काम करती है. जहां तक अकाली दल की बात है तो वहां पर सुखबीर बादल सर्वेसर्वा हैं. वह घर में बैठकर फैसले कर सकते हैं, और इसमें कोई भी बुरी बात नहीं है. वहीं जहां तक केजरीवाल की बात है वह भी अपने फैसले खुद ही लेते हैं, तो वह अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाए या खुद बनें यह उनकी प्रक्रिया है. बीजेपी में सामूहिक फैसले लिए जाते हैं. केंद्रीय नेतृत्व ही इसमें आखिरी मुहर लगाता है. इसलिए यहां कोई भी पार्टी का बड़ा नेता खुद नहीं कह सकता कि हमने आपको टिकट दे दिया.

हमारी पार्टी ने भी 25-30 लोगों को कह दिया है कि वह चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं यह संख्या से 40 तक भी पहुंच गई होगी. क्योंकि यह सब काम हमारे प्रदेश अध्यक्ष देखते हैं. हालांकि अभी कोई आधिकारिक फैसला नहीं है फिर भी उन्हें कह दिया गया है कि वह अपने अपने काम में जुट जाएं. हमारी पार्टी एक कैडर बेस पार्टी है और विचारधारा वाली पार्टी है जबकि उन लोगों की विचारधारा तो सत्ता प्राप्ति है और अपने परिवारों का भला करना है. हमारा संगठन देश और समाज के भले के लिए सोचता है और यही हम करते हैं.

प्रश्न : आम आदमी पार्टी अभी तक सीएम चेहरे का ऐलान नहीं कर पा रही है. इसको आप कैसे देखते हैं?

उत्तर :आम आदमी पार्टी में टूट हो सकती है इसलिए वे मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान नहीं कर पा रहे हैं. जबकि हमारे वहां संगठन और आम राय से मुख्यमंत्री चुना जाता है. जबकि वहां पर एक व्यक्ति की राय प्रभावित करती है. इसलिए कई बार एक व्यक्ति गलत फैसला भी ले सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सभी सामूहिक फैसले सही हों, वह भी कई बार गलत होते हैं. लेकिन उसमें ज्यादा गलतियां नहीं होती. उसमें भाई-भतीजावाद नहीं होता. इसलिए मैं मानता हूं कि बीजेपी का पंजाब में आगाज बहुत अच्छा हो रहा है और हम पंजाब के एक बड़े राजनीतिक दल के रूप में उभरेंगे.

प्रश्न : भगवंत मान कहते हैं कि बीजेपी के किसी बड़े नेता ने उन्हें पार्टी में आने का ऑफर दिया था. क्या यह सच है? क्या बीजेपी को भगवंत मान की जरूरत है?

उत्तर : उनको बड़ी गलतफहमी है, हमारे यहां तो संगठन हाथ रख दे तो छोटे से छोटा कार्यकर्ता भी बड़ा बन जाता है वह मुख्यमंत्री भी बन सकता है और प्रधानमंत्री भी बन सकता है. एक मीडिया के कार्यक्रम में भगवंत मान मेरे सामने ही बैठे थे और उन्होंने यह बात कही थी. मैंने उन्हें कहा था अगर उनके पास इसको लेकर कोई सबूत है तो वह उसको सामने रखें.

उन्होंने कहा कि हमारे यहां इस तरह की परंपरा नहीं है. हमारे नेता इस तरह की बात नहीं कर सकते. हमारे यहां किसी एक व्यक्ति की जरूरत नहीं होती, हमें तो आम लोगों को जोड़ना होता है. हमारी पार्टी एक संगठन वाली पार्टी है और संगठन के साथ-साथ आम जनता को उसे जोड़ना होता है. तभी एक पार्टी मजबूत बनती है. हमें तो आम लोगों को जोड़ना है. भगवंत मान जैसे खास लोगों को नहीं जोड़ना है, जो कि सुबह शीशे के सामने खड़े होकर कहते हैं कि मैं भगवंत मान मुख्यमंत्री पंजाब. हमारे वहां जो भी आएगा सेवा के लिए आएगा. मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं आएगा. जब संगठन मजबूत होगा तो हम उसी की बात करते हैं.

ग्रेवाल ने कहा कि अभी भी बहुत सारे लोग हमारी पार्टी में शामिल होने के लिए खड़े हैं. हमने उनसे कहा है कि हम टिकट की गारंटी नहीं दे सकते, जीतने की संभावनाएं होंगी तो जरूर टिकट मिलेगी. हम किसी को भी लालच नहीं दे रहे हैं, लोग खुद पार्टी से जुड़ रहे हैं. यह भगवंत मान की गलतफहमी है क्योंकि उनकी पार्टी के लोग पार्टी छोड़ रहे हैं. हमारी पार्टी में भी शामिल होने के लिए उनके लोग आ रहे हैं. लेकिन हम कहते हैं कि जब वे हमारी विचारधारा से सहमत होंगे तभी वह हमारी पार्टी से जुड़े.

प्रश्न : कांग्रेस पार्टी में सिद्धू और चन्नी के बीच टकराव देखने को मिलता है. क्या इस टकराव का फायदा बीजेपी को होगा? और जिस तरीके के अभी कांग्रेस के हालात हैं, क्या वे आपको फायदा पहुंचाएंगे?

उत्तर : पंजाब में लोग बहुत सारी समस्याओं से जूझ रहे हैं. जबकि कांग्रेस ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया. चाहे फिर वह गुरु की बेअदबी का मामला हो, नशे के कारोबार का हो या फिर अवैध खनन का, केबल माफिया काम कर रहा है और सट्टा बाजार चल रहा है. जितने भी गलत काम हैं वह पंजाब में बहुत ज्यादा बढ़ें हैं. कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल में आपसी अंडरस्टैंडिंग है. अंडरस्टैंडिंग यह है कि जब हम सत्ता में हों तो 75 पैसे हमारे 25 पैसे तुम्हारे और जब तुम हो तो 75 तुम्हारे 25 हमारे.

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यह पंजाब को लूटने की एक साजिश है. सिद्धू और चन्नी कुर्सी की लड़ाई लड़ रहे हैं. अकाली दल में भी अब बड़े-बड़े नेता उसको छोड़ कर जा रहे हैं. अभी और भी कई नेता उनको छोड़ने वाले हैं. यह अपने परिवार के लिए और खुद के लिए सोचते हैं. यह कुर्सी को पानी के बारे में सोचते हैं. यह ना देश की सोचते हैं ना प्रदेश की और ना ही जनता के बारे में सोचते हैं. आम जनता इनसे बहुत त्रस्त है. जब राजा व्यापारी हो जाता है तो जनता भिखारी हो जाती है.

प्रश्न : सभी दल चाहे कांग्रेस हों या आम आदमी पार्टी या फिर अकाली दल सभी लोकलुभावन वादे कर रहे हैं. बड़े-बड़े ऑफर वोटरों को दे रहे हैं. आपकी पार्टी का इसको लेकर क्या कहना है?

उत्तर : हरजीत ग्रेवाल ने कहा कि वे केजरीवाल के एक वादे की बात करना चाहेंगे जिसमें उन्होंने महिलाओं को एक - एक हजार देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली में तीन बार मुख्यमंत्री बन गए हैं तो अभी तक वहां महिलाओं को एक-एक हजार क्यों नहीं दिए. जहां इनकी कलम काम करती है वह देंगे नहीं और पंजाब में आकर देने के दावे और वादे करेंगे.

इसका एक ही मतलब है सिर्फ सत्ता पाने के लिए इस तरीके के दावे और वादे किए जा रहे हैं. वहीं जहां तक अकाली दल की बात है उनके परिवार को राज करना है. पंजाब की इनको किसी को कोई चिंता नहीं है. वहीं पंजाब के वित्त मंत्री कह रहे हैं कि उनका खजाना खाली है. जबकि मुख्यमंत्री घोषणा पर घोषणा किए जा रहे हैं. वे कहते हैं कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री वाला काम ही नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चन्नी सांप भी पकड़ सकते हैं, टाइपिंग भी कर लेते हैं, लाइनमैन का काम भी कर लेते हैं. हल भी चला लेते हैं, ट्रैक्टर भी चला लेते हैं और हवाई जहाज भी चला लेते हैं.

उन्होंने कहा कि हमें तो मुख्यमंत्री चाहिए जो पंजाब की समस्याओं का समाधान करें. लेकिन इस तरह की बातें करने वाला नहीं जिसका पंजाब के लिए कोई विजन हो, जिसे प्रशासन की समझ हो, पंजाब कैसे चलेगा हमें तो ऐसे मुख्यमंत्री की जरूरत है. ग्रेवाल ने कहा कि अब तो उनके मंत्री कैबिनेट की बैठक में ही लड़ने लग गए हैं. और मंत्री ही आरोप लगा रहे हैं कि एसपी और डीएसपी के तबादले में रिश्वत ली जा रही है. इस तरह की बातों का मुख्यमंत्री को जनता को जवाब देना चाहिए. ऐसी पार्टियों से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती.

Last Updated : Dec 11, 2021, 8:06 PM IST

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