नई दिल्ली : पंजाब विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल सही साबित होते दिख रहे हैं. आम आदमी को ऐतिहासिक जीत मिलने की संभावना है. शुरुआती से ही आम आदमी पार्टी को मतगणना में बढ़त मिल रही थी. जो कि लगातार बढ़ता ही गया और 92 सीटों पर जीत के साथ सरकार बनाने की ओर अग्रसर है. अकाली दल और कांग्रेस नतीजों में काफी पीछे हैं. इस चुनाव की खासियत यह रही कि 2017 में आम आदमी पार्टी ने सत्ता की दावेदारी की थी. आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान को जीत मिली है.
चुनाव से ठीक पहले पार्टी में कलह से जूझ रहे कांग्रेस ने सीएम बदल दिया था और दलित चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी पर दांव लगाया था. मगर खुद सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अपनी दोनों सीट चमकौर साहिब और खरड़ से पीछे चल रहे हैं. मतगणना में आए आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस मात्र 18 सीटों पर सिमट गई. अमृतसर ईस्ट सीट से नवजोत सिंह सिद्धू भी हार गए. कांग्रेस की हार से राहुल गांधी के फैसले से कठघरे में खड़े होंगे.
पंजाब में आप की आंधी, समर्थकों और कार्यकर्ताओं में उत्साह इस बार अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल के सामने पार्टी को एकजुट रखने और विद्रोह से बचाने की दोहरी चुनौती थी. लांबी से छठी बार चुनाव मैदान में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और चौथी बार जलालाबाद से उतरे उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल भी आप की आंधी में अपना किला बचा पाने से चुक गए. इन दो दिग्गज नेताओं की स्थिति ने यह तय कर दिया है कि आने वाले दौर में अकाली दल में भी भगदड़ हो सकती है. इसके अलावा सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर पार्टी के भीतर सवाल उठना तया है. नताजों के अनुसार अकाली दल मात्र 4 सीटों पर सिमट कर रह गई है.
आम आदमी पार्टी ने इस बार पूरे पंजाब में मालवा, माझा और दोआबा में बाजी मार ली है. पंजाब में कांग्रेस का दलित कार्ड भी फेल हो गया. इसके अलावा डेरों की ओर से जारी होने वाले फरमान भी बेअसर साबित हो गए हैं. बता दें कि वोटिंग से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा समेत कई डेरों ने शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी गठबंधन के पक्ष में वोट करने की अपील की थी.
इस बार आम आदमी पार्टी पंजाब में भगवंत मान के चेहरे पर चुनाव लड़ रही थी. पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 में आप को 20 सीटों पर जीत मिली थी. वोट प्रतिशत के संदर्भ में आम आदमी पार्टी को 23 फीसद से अधिक वोट मिले थे.पंजाब के पांच जिलों- होशियार, कपूरथला, मोगा, रूपनगर और एसएएस नगर जिले में आप को एक-एक सीटें मिली थीं. संगरुर, फरीदकोट और मानसा जिलों में दो-दो सीटों पर आप उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी. इसके अलावा लुधियाना, बठिंडा और बरनाला जिले में आम आदमी पार्टी को तीन-तीन सीटों पर जीत मिली थी. आम आदमी पार्टी ने लोक सभा चुनाव 2014 में भी हाथ आजमाए थे. आप ने लोक सभा की 13 सीटों में 4 सीटों पर जीत हासिल की थी. आम आदमी पार्टी को लगभग 20 प्रतिशत वोट मिले थे. हालांकि, लोक सभा चुनाव 2019 में आम आदमी पार्टी को पंजाब से महज एक सीट पर ही जीत मिली. भगवंत मान संगरुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.
2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में सत्तारुढ़ कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी को महज तीन सीटों पर जीत मिली थी. शिरोमणी अकाली दल को 15 सीटों पर जीत मिली थी. इससे पहले 2012 के पंजाब विधानसभा चुनाव के समय आप अस्तित्व में ही नहीं आई थी.