चंडीगढ़ :उड़ता पंजाब फ़िल्म से लेकर असल पंजाब में ड्रग्स हमेशा से एक प्रमुख समस्या रही है. राज्य में नशीली दवाओं का कारोबार अभी भी जोरों से चल रहा है. कोविड महामारी के दौरान भी दवा आपूर्तिकर्ताओं को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कांग्रेस सरकार के पिछले 4 वर्षों के कार्यकाल में नशीली दवाओं की वसूली में 5 गुना वृद्धि हुई है, लेकिन आपूर्ति अभी भी अप्रभावित है. वहीं अब राज्य सरकारों के सारे प्रयास विफल होते दिख रहे हैं. बता दें पंजाब एक सीमावर्ती राज्य होने के कारण, ईरान, अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते अंतरराष्ट्रीय ड्रग रूट तक आसानी से पहुंचा जा सकता है.
पंजाब ड्रग हब
पंजाब पिछले कई सालों से ड्रग का हब बना हुआ है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो चंडीगढ़ के संयुक्त निदेशक जीके सिंह ने कहा कि अफीम, भुक्की से लेकर आज की महंगी दवाएं जैसे हेरोइन, कोकीन, स्मैक, सिंथेटिक ड्रग्स, आइस ड्रग्स पंजाब में आम हैं. पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, इसलिए विदेशों से ड्रग्स की तस्करी की जाती है, उन्होंने बताया कि आने वाले ड्रग का रास्ता पाकिस्तान ही रहता है, हालांकि ईरान, अफगानिस्तान और कई देशों से नशीले पदार्थ पाकिस्तान के रास्ते ही भारत पहुंचते हैं.
हमारे लिए क्या बुरा है और क्या अच्छा
डॉ. प्रमोद कुमार बताते हैं कि पंजाब में लॉकडाउन के समय नशा करने वाले नशामुक्ति केंद्र पहुंच रहे थे क्योंकि कोरोना काल में अस्पताल में सिर्फ कोरोना के मरीज ही देखे जा रहे थे, जिससे पता चलता है कि पंजाब में नशीली दवाओं के मामलों में सुधार नहीं हुआ है, लेकिन अब कुछ युवा नशा छोड़ना चाहते हैं, इसलिए उन्हें अस्पतालों या नशामुक्ति केंद्रों में भर्ती कराया जा रहा है, उन्होंने कहा कि यह समस्या तभी हल होगी जब हम समझेंगे कि हमारे लिए क्या बुरा है और क्या अच्छा है. नशामुक्ति केंद्र में भर्ती होना ही काफी नहीं है, यह भी देखना बहुत जरूरी है कि क्या नशामुक्ति केंद्र वास्तव में नशामुक्ति केंद्र नहीं हैं.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का रिकवरी डेटा 01-01-2021 से 22-06-2021
एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामले - 5102
गिरफ्तारियां -6813
नशीले पदार्थों की वसूली
हेरोइन- 261.457 किलो
अफीम- 297.715 किलो
भुक्की - 12929.567 किलो
चरस- 47.063 किलो