मोहाली (पंजाब) : मोहाली में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आवास का घेराव करने जा रहे शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने और आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार का उपयोग किया.
पुलिस ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल समेत कई अकाली और बसपा नेताओं के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है. पुलिस ने कहा कि मोहाली पुलिस ने बादल के अलावा विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया, एनके शर्मा और पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा, गुलजार सिंह राणिके, पंजाब बसपा के अध्यक्ष जसबीर सिंह गढी समेत 300 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह प्राथमिकी धारा 188 (लोक सेवक के आदेशों की अवहेलना) और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दर्ज की गई है.
इससे पहले शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने ‘फतेह’ किट की खरीद में अनियमितताओं और कोविड-19 के टीके कथित रूप से निजी अस्पतालों को देने सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्य की कांग्रेस नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए गठबंधन करने के बाद यह शिअद-बसपा का पहला संयुक्त प्रदर्शन था. पंजाब बसपा के अध्यक्ष जसबीर सिंह गढी भी प्रदर्शन में मौजूद थे.
शिअद के कई नेताओं सुखबीर सिंह बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया और जसबीर सिंह गढ़ी तथा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया. इन सभी को कुराली थाने ले जाया गया, जहां से उन्हें बाद में छोड़ दिया गया. मुख्यमंत्री आवास की ओर जाने वाली सड़कों पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे और कई स्तर पर अवरोधक लगाए गए थे. शिअद और बसपा ने मोहाली के सिसवान स्थित मुख्यमंत्री के निजी आवास के घेराव की योजना बनाई थी.
शुरुआत में बड़ी संख्या में शिअद और बसपा के प्रदर्शनकारी पहले स्तर के अवरोधक को जबरन पार कर गए. जब उन्होंने दूसरे स्तर के अवरोधक को पार करने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन पर पानी की बौछार की. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों की पगड़ी पानी की बौछार से नीचे गिर गई. मोहाली के पुलिस अधीक्षक सतीन्दर सिंह भी मौके पर मौजूद थे.