चंडीगढ़ : पंजाब मंत्रिमंडल (Punjab Cabinet) ने सोमवार को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के बकाया पानी के बिल (water bill) माफ करने का फैसला किया. इस फैसले से राज्य पर करीब 1800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. साथ ही कैबिनेट ने पानी का शुल्क 50 रुपये प्रति माह तय करने का फैसला किया है.
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने यहां कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हम सभी शहरों का 700 करोड़ रुपये का बकाया पानी का बिल माफ कर रहे हैं.'
समूह-डी पदों पर होंगी भर्तियां
सीएम चन्नी ने कहा कि कैबिनेट ने फैसला किया है कि राज्य सरकार जलापूर्ति के लिए ट्यूबवेल के बिजली बिल का भुगतान करेगी. उन्होंने कहा, गांवों में पंचायतों के लंबित पानी के बिल भी माफ कर दिए जाएंगे. ये लगभग 1,168 करोड़ रुपये के होंगे. मंत्रिमंडल ने समूह-डी पदों के लिए नियमित आधार पर नियुक्तियां करने का भी निर्णय लिया है जिसमें चपरासी, चालक आदि शामिल हैं.
खजाना खाली नहीं हुआ न ही खाली होने देंगे : चन्नी
चन्नी ने कहा कि यह कहना गलत है कि पंजाब का ख़ज़ाना खाली है, यह कभी खाली नहीं हुआ और न ही कभी खाली होने देंगे. उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों को सही दरों पर बिजली, पानी और सिवरेज देने के लिए सरकार वचनबद्ध है. बीएसएफ का दायरा बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने के केंद्र के फ़ैसले पर कहा कि मीटिंग बुलाकर उपयुक्त फ़ैसला लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सूबों की सलाह बगैर ऐसे फैसले नहीं ले सकती. केंद्र ने फ़ैसला वापस न लिया तो विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया जाएगा.