हैदराबाद : पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच कुल सात चरणों में होंगे. 10 मार्च को मतगणना होगी.
चुनाव आयोग ने शनिवार को यह घोषणा की. पंजाब में मतदान 14 फरवरी को होगा. पंजाब में अधिसूचना 21 जनवरी को लागू होगी. नामांकन का आखिरी तारीख 28 फरवरी है. नामांकन पत्रों की जांच 29 जनवरी को होगी. नाम वापसी 31 जनवरी तक होगी. 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में कांग्रेस ने साल 2017 में 77 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी.
पंजाब चुनाव पर एक नजर
- अधिसूचना- 21 जनवरी
- नामांकन की आखिरी तारीख- 28 जनवरी
- नामांकन की जांच- 29 जनवरी
- नाम वापसी- 31 जनवरी
- मतदान- 14 फरवरी
- मतगणना-10 मार्च
चुनाव तारीख को लेकर सीएम चन्नी ये बोले
चुनाव तारीख के एलान पर पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि 'मैं चुनाव आयोग के निर्देशों का स्वागत करता हूं. अभी तक हम सिर्फ एक काम करने वाली सरकार थे, अब हम चुनाव के बारे में सोचना शुरू करेंगे. मुझे 111 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बनने के योग्य समझने के लिए मैं हाथ जोड़कर पंजाब और कांग्रेस के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं.'
2017 में ये थी पंजाब की स्थिति
पिछले चुनाव में राज्य की कुल 117 सीटों में से 77 सीटों पर जीत हासिल कर कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनाई थी और अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने थे. इस बार अकाली दल ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है और 2017 में कांग्रेस को जीत दिलाने वाले अमरिंदर सिंह नई पार्टी बनाकर भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं.
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अकाली दल के साथ अब तक छोटे भाई की भूमिका में चुनाव लड़ने वाली भाजपा पहली बार राज्य में बड़े भाई की भूमिका में अमरिंदर सिंह और अकाली दल के पूर्व नेता सुखदेव सिंह ढ़ींढसा के साथ मिलकर विधान सभा चुनाव लड़ने जा रही है. 2017 में राज्य की केवल 23 सीटों पर चुनाव लड़कर 5.39 प्रतिशत मतों के साथ केवल 3 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा इस बार 75 सीटों के आसपास लड़ने की तैयारी कर रही है.
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भाजपा का लक्ष्य राज्य में पार्टी की जड़ों को मजबूत कर पार्टी का विस्तार करना है. भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस सीमावर्ती राज्य में पार्टी की और खासतौर से प्रधानमंत्री की लोकप्रियता को साबित करने की है. पीएम की सुरक्षा में चूक के मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री और अन्य कांग्रेसी नेताओं द्वारा लगातार दिए जा रहे बयानों को देखते हुए राज्य में जीत हासिल करना अब पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गया है.
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