चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित कर इसे राज्य पुलिस का 'अपमान' बताया और इसे वापस लेने की मांग की. इस दौरान विधानसभा में गरमा-गरमी का माहौल भी देखने को मिला. इस पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने विपक्ष पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यह विपक्षी पार्टियों की चाल है. सिद्धू ने कहा कि विधानसभा में हंगामा जानबूझकर किया गया, क्योंकि विपक्ष डरा हुआ है. चन्नी सरकार, पंजाब कांग्रेस जनता के लिए काम कर रही है,जो भी घोषणा की गई है वह अगले 5 साल के लिए एक विजन है, न कि केवल 2-3 महीने के लिए.
वहीं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने के केंद्र के कदम के खिलाफ राज्य की विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव का बृहस्पतिवार को विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के फैसले से राज्य के अधिकार का उल्लंघन नहीं होता.
राज्य विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के केवल दो सदस्यों की अनुपस्थिति में सर्वसम्मति से केंद्र के आदेश को 'खारिज' करने का प्रस्ताव आम सहमति से पारित किया गया. केंद्र सरकार ने पिछले महीने सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर से बढ़ाते हुए 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत करने के वास्ते बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था.
पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रस्ताव पेश किया. इसमें कहा गया है, 'पंजाब शहीदों की भूमि है… उन्होंने हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में अनुकरणीय बलिदान दिए हैं.'
प्रस्ताव में कहा गया है, 'पंजाब पुलिस देशभक्ति का एक अनूठा बल है जिसने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में बहुत योगदान दिया है. भारत के संविधान के अनुसार, कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और इस उद्देश्य के लिए, पंजाब सरकार पूरी तरह से सक्षम है.'
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इसमें कहा गया है, 'केंद्र सरकार द्वारा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने का निर्णय राज्य पुलिस और पंजाब के लोगों के प्रति अविश्वास की अभिव्यक्ति है. यह उनका अपमान भी है.' इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार को इतना बड़ा फैसला लेने से पहले राज्य से परामर्श करना चाहिए था. इसमें कहा गया है कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं थी.