पुणे :पुणे के एक बाजार में नीलामी के दौरान आम का एक पेटी 31000 रुपये की भारी कीमत पर बेचा गया है. व्यापारी ने दावा किया कि यह 50 साल में सबसे महंगी खरीद है. जैसे ही यह आम बाजार में आया तो फल के टोकरे पर फूलों की माला रखकर खुशी-खुशी स्वागत किया गया. वहीं व्यापारियों ने हाथ जोड़कर आम के मौसम के अच्छे व्यापार के लिए प्रार्थना की.
पुणे के एपीएमसी बाजार में शुक्रवार को देवगढ़ रत्नागिरी से मशहूर हापुस आम का पहला डिब्बा पहुंचा. व्यापारी युवराज काची ने कहा कि ये सीजन के शुरुआती आम हैं. हर साल इन शुरुआती आमों को एक अनुष्ठान के रूप में नीलाम किया जाता है क्योंकि यह अगले दो महीनों के व्यापार के भाग्य का फैसला करता है. आम के इस टोकरे को खरीदने के लिए नीलामी का आयोजन किया गया जिसमें बोली 5,000 रुपये से शुरू होकर 31,000 रुपये तक गई.
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व्यापारी ने कहा कि पुणे के बाजार में आने वाले आमों की पहली बोली 18,000 रुपये, दूसरी 21,000 रुपये, तीसरी 22,500 रुपये और चौथी भी 22,500 रुपये की थी. व्यापारी ने कहा कि यह पांचवां टोकरा है जिसे पुणे के बाजार में नीलाम किया गया है. इसे 31,000 रुपये में बेचा गया है. पिछले 50 वर्षों में यह पुणे के बाजार में सबसे अधिक बोली है.
आमों का राजा है अल्फांसो
आमों के राजा अल्फांसों (Alphonso Mango) को जीआई टैग मिला हुआ है. इसे हापुस भी कहा जाता है. सरकार ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और आसपास के इलाकों में पैदा होने वाले अल्फांसो आम को भौगोलिक संकेत टैग दिया है. इसकी सबसे बेहतरीन किस्म महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में स्थित सिंधुदुर्ग जिले की तहसील देवगढ़ में होती है. इसके अलावा महाराष्ट्र का रत्नागिरि जिला, गुजरात के दक्षिणी जिले वलसाड और नवसारी भी हापुस की पैदावार के लिए प्रसिद्ध हैं.