पुणे (महाराष्ट्र) : पुणे पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने संत कालीचरण महाराज को रायपुर पुलिस से अपनी हिरासत में लिया है. महाराष्ट्र में कालीचरण और पांच अन्य के खिलाफ दर्ज कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित एक मामले में उन्हें हिरासत में लिया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक अदालत द्वारा दी गई 'ट्रांजिट रिमांड' के बाद कालीचरण को पुणे लाया गया, जहां उसे बाद में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) एम ए शेख की अदालत में पेश किया गया, जिन्होंने आरोपी को एक दिन के लिए पुणे पुलिस की हिरासत में भेज दिया. खड़क थाने के एक अधिकारी ने बताया, 'हमने छत्तीसगढ़ पुलिस से कालीचरण को हिरासत में ले लिया है और उन्हें पुणे लाया गया.' पुणे पुलिस ने कालीचरण, दक्षिणपंथी नेता मिलिंद एकबोटे, कैप्टन दिगेंद्र कुमार (सेवानिवृत्त) और अन्य के खिलाफ यहां एक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया था.
छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा मुगल सेनापति अफजल खान को मारे जाने की घटना की याद में 19 दिसंबर 2021 को एकबोटे के नेतृत्व वाले हिंदू आघाड़ी संगठन द्वारा 'शिव प्रताप दिन' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. बाद में, खड़क थाने में कालीचरण और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 (ए) (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादे से ठेस पहुंचाना), 298 (किसी व्यक्ति की धार्मिक भावना को जानबूझकर ठेस पहुंचाने की मंशा) और 505 (2) (शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने के इरादे से झूठी बयानबाजी, धार्मिक स्थान पर अफवाह फैलाने से संबंधित) के तहत मामला दर्ज किया गया था.