नई दिल्ली :देश भर में आज साल की पहली सोमवती अमावस्या का पर्व मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या अपना एक विशेष स्थान रखती हैं. अगर कोई अमावास्या सोमवार के दिन पड़ती है तो उस अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व है. इस दिन लोग पितरों के लिए तर्पण भी करते हैं.
हिंदू धर्म को मानने वाले लोग सोमवती अमावस्या के दिन स्नान के बाद दान करते हैं और विशेष पूजा पाठ का आयोजन करते हैं. कहा जाता है कि सोमवती अमावस्या भगवान शंकर को समर्पित है. इसलिए शिवभक्त सोमवती अमावस्या को काफी महत्व देते हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं और इस दिन व्रत करते हुए पीपल के वृक्ष की पूजा भी करती हैं. कहा जाता है कि सोमवती अमावस्या के दिन खास तौर पर कुछ उपाय करने से भगवान प्रसन्न होते हैं. सुहागिन महिलाओं को अक्षय सौभाग्य प्राप्त होता है.
सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करें इस दिन कुछ खास करने से आपके जीवन में यश और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. अतः सोमवती अमावस्या के दिन इन कार्यों को करना जरूर करना चाहिए...
1. सोमवती अमावस्या के दिन अगर आपके आसपास कोई जगह है तो उस दिन एक पीपल का पौधा जरूर लगाएं. पीपल के पौधे को लगाने से पित्र देव प्रसन्न होते हैं और इससे आपको यश और सौभाग्य में वृद्धि होती है.
सोमवती अमावस्या पर पीपल का पौधा लगाएं 2. सोमवती अमावस्या के दिन महिलाओं को शिव पार्वती का विशेष तौर पर पूजन करना चाहिए. इस दिन सुहागिन महिलाएं कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक कर सकती हैं. इससे पति का स्वास्थ्य ठीक रहता है और उनके ऊपर आने वाले संकट दूर हो जाते हैं.
सोमवती अमावस्या पर दूध से अभिषेक 3. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ पीपल के वृक्ष की पूजा करने का प्रावधान है. पीपल के वृक्ष की पूजा करने के दौरान पीपल के वृक्ष को पीले रंग के धागे से 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए. इस तरह से परिक्रमा करने का विशेष खास लाभ होता है.
सोमवती अमावस्या पर पीपल की 108 परिक्रमा करें 4. सोमवती अमावस्या के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों के किनारे स्नान करने के बाद अपने पितरों को तर्पण करना चाहिए. इस तर्पण में काले तिल और अक्षत के साथ साथ मिष्ठान्न और पुष्प के साथ 'ॐ पितृभ्य: नम:' का जाप करना चाहिए.
सोमवती अमावस्या पर पितरों को तर्पण