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अंकिता भंडारी हत्याकांड: सरकारी वकील ने केस से खुद को किया अलग, परिजनों से जताया संतोष, कांग्रेस के आंदोलन को झटका

अंकिता भंडारी मर्डर केस के सरकारी वकील जितेंद्र रावत ने खुद को केस से अलग कर लिया है. पौड़ी डीएम ने मामले की जानकारी दी है. डीएम ने बताया कि 7 जुलाई को अधिवक्ता जितेंद्र रावत ने खुद को स्वेच्छा से केस के हटने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. इससे पहले अंकिता के परिजनों ने शासकीय वकील पर केस को कमजोर बनाने का आरोप लगाया था. केस की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होनी है.

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Published : Jul 15, 2023, 5:31 PM IST

Ankita Bhandari murder case
अंकिता भंडारी हत्याकांड

अंकिता भंडारी मर्डर केस में नया मोड़.

श्रीनगर (उत्तराखंड):बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड में नया मोड़ आया है. अंकिता भंडारी हत्याकांड केस के शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र रावत ने केस से खुद को अलग कर लिया है. इससे पहले अंकिता के परिजन शासकीय अधिवक्ता को केस से हटाने की सरकार के मांग कर रहे थे. जबकि अंकिता हत्याकांड में अंकिता के परिजनों को न्याय दिलाने और सरकार वकील को हटाने की मांग के लिए 17 जुलाई से पौड़ी मुख्यालय से स्वाभिमान यात्रा शुरू करनी थी, जिसको अब अंकिता के परिजनों ने समर्थन देने से इनकार कर दिया है.

शनिवार को पौड़ी मुख्यालय में डीएम डॉ. आशीष चौहान ने जानकारी दी कि अंकिता भंडारी हत्याकांड के शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र रावत ने केस से खुद को अलग कर लिया है. अधिवक्ता ने 7 जुलाई को सीएम को ज्ञापन दिया था, जिसमें खुद इच्छा से केस से हटने की बात कही गई है. इसके बाद शनिवार को अंकिता के परिजनों ने डीएम से मिलते हुए संतोष व्यक्त किया है. डीएम आशीष चौहान ने बताया कि, इस फैसले के साथ ही अंकिता के परिजनों ने किसी भी राजनीति पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में जाने से खुद को अलग कर दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा अन्य जो भी वकील अंकिता हत्याकांड की पैरवी के लिए नियुक्त किया जाएगा, वह वकील अंकिता के परिजनों की सलाह के आधार पर ही हत्याकांड की पैरवी करेगा.

कांग्रेस को झटका: बता दें कि अंकिता के परिजनों को न्याय दिलाने और शासकीय अधिवक्ता को हटाने की मांग पर कांग्रेस द्वारा 17 जुलाई से जिला मुख्यालय पौड़ी में स्वाभिमान न्याय पदयात्रा शुरू की जानी है. पदयात्रा को अंकिता के परिजनों ने समर्थन देते हुए यात्रा में शामिल होने की बात भी कही जा रही थी, जिसे अब अंकिता के परिजनों ने पदयात्रा में शामिल ना होने पर अपनी सहमति जता दी है. ऐसे में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है.

वहीं, इस पूरे मामले में कांग्रेस नेत्री अनीता रावत ने कहा कि अंकिता के परिजनों ने भले ही स्वाभिमान पदयात्रा में आने से मना कर दिया हो, लेकिन स्वाभिमान पदयात्रा अंकिता को न्याय दिलवाने के लिए लगातार जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि अंकिता के परिजन दबाव में आकर इस तरह का फैसला ले रहे हैं.
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अंकिता के परिजनों ने वकील पर लगाया था आरोप:अंकिता भंडारी के परिजन केस के शासकीय अधिवक्ता की कोर्ट में ददीलों से संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि जितेंद्र रावत ने इस हाईप्रोफाइल मामले में एक बार नहीं, बल्कि कई बार बयानों में उलटफेर कर केस को कमजोर करने की कोशिश की है. ऐसे में उन्होंने डीएम से मुलाकात करते हुए मुख्यमंत्री से शासकीय अधिवक्ता को हटाने की मांग की थी.

अंकिता भंडारी हत्याकांड:पौड़ी जिले के श्रीकोट डोभ गांव की रहने वाली 19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के भोगपुर स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. अंकिता 19 सितंबर 2023 को अचानक रिजॉर्ट से गायब हो गई थी, जिसकी लाश 22 सितंबर (करीब पांच दिन बाद) ऋषिकेश के पास चीला नहर में मिली थी. पूरे मामले में पुलिस ने वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और रिसॉर्ट के दो अन्य कर्मचारी सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया था.

भाजपा नेता के बेटे पुलकित कार्य पर आरोप है कि वह रिजॉर्ट में अंकिता भंडारी पर गलत काम करने का दबाव बना रहा था, जिसके लिए अंकिता भंडारी ने साफ इंकार कर दिया था. आरोप है कि पुलकित को डर था कि अंकिता भंडारी उसके कारनामों का भड़ाफोड़ कर देगी. इसके बाद 19 सितंबर की रात पुलकित अपने दोनों साथियों के साथ किसी बहाने से अंकिता को रिजॉर्ट से ऋषिकेश के लिए निकाला. इसी बीच रास्ते में पुलकित ने चीला नहर में अंकिता भंडारी को धक्का दे दिया. पुलिस द्वारा तीनों की गिरफ्तारी होने पर घटना की जानकारी हुई थी.
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