नई दिल्ली : अर्थशास्त्रियों और डॉक्टरों सहित जन स्वास्थ्य समूहों ने सरकार से अपील की है कि वह वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में अतिरिक्त राजस्व के लिए सभी तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि करे.
उन्होंने वित्त मंत्रालय से की गई अपील में सिगरेट, बीड़ी और बिना धुंआ वाले तंबाकू पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह नीति केंद्र सरकार की तत्काल राजस्व बढ़ाने की जरूरत के लिए प्रभावी होगी. इससे राजस्व तो बढ़ेगा ही साथ ही तंबाकू से होने वाली मौतों और कोविड-19 संबंधित सहरुग्णताओं में भी कमी आएगी.
वालेंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मुख्य कार्यकारी भावना मुखोपाध्याय ने एक बयान में कहा कि तंबाकू से मिलने वाला राजस्व महामारी के दौरान अधिक संसधानों की जरूरत को पूरी करने में उल्लेखनीय योगदान करेगा जिससे टीकाकरण और स्वास्थ्य अवसंचना को बढ़ाने जैसे कार्य किए जा सकेंगे.
मुखोपाध्याय ने कहा, 'सभी तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी और तंबाकू उत्पाद कम वहनीय होगा, खासतौर पर युवाओं के लिए. इससे असुरक्षित आबादी में तंबाकू के इस्तेमाल को कम करने का ठोस आधार तैयार होगा और इसका दीर्घकालिक असर देश के 26.8 करोड़ तंबाकू उत्पाद इस्तेमाल करने वाले लोगों पर पड़ेगा और बच्चे और युवा इसके इस्तेमाल से दूर होंगे.'
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय ने संसद के चालू शीतकालीन सत्र (winter session) में बताया था कि तंबाकू उत्पादों पर लागू उत्पाद शुल्क और उपकर से सरकार को 2018-2019, 2019-2020 और 2020-21 में क्रमश: 1,234 करोड़, 1,610 करोड़ और 4,962 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ.