हैदराबाद : दुनियाभर में पबजी गेम 2017 में लॉन्च हुआ था. लॉन्च होने के तुरंत बाद ही पबजी दुनिया का सबसे लोकप्रिय गेम बन गया. यह भारत में भी 2017 में लॉन्च हुआ. पबजी को अब तक दुनियाभर में 730 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है. जिसमें भारत पहले स्थान पर है. 2021 की पहली तिमाही में पबजी ने 709 मिलियन की कमाई की थी. आइए पबजी गेम के बारे में विस्तृत से जानते हैं...
क्या है पबजी गेम
प्लेयर अननोन बैटलग्राउंड या पबजी एक बैटल रॉयल गेम है, जिसे वर्ष 2017 में पीसी और गेमिंग कंसोल के लिए लॉन्च किया गया था. लॉन्च के तुरंत बाद पबजी दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल बन गया. यह खेल 100 खिलाड़ियों को एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देता है. इस खेल में अंतिम तक जीवित रहने वाले व्यक्ति को चिकन डिनर मिलता है.
पबजी बनाने वाले व्यकित ब्रेंडन ग्रीन ने एआरएमए 2 और डे-Z: बैटल रॉयल जैसे अन्य लोकप्रिय गेम भी बनाए हैं. इस खेल को पबजी कॉरपोरेशन द्वारा पीसी के लिए विकसित किया गया था, जो एक कोरियाई गेम डेवलपर, ब्लूहोल की सहायक कंपनी है.
किस देश से आया पबजीकोरियाई डेवलपर ने चीन की सबसे बड़ी गेमिंग कंपनी टेनसेन्ट के साथ गेमिंग बाजार में प्रवेश करने के लिए भागीदारी की.
टेनसेन्ट ने पबजी का मोबाइल संस्करण पेश किया. यह खेल चीन में काफी हिट बन गया, लेकिन इसे विमुद्रीकरण करने के लिए चीनी सरकार की मंजूरी नहीं मिली.
भारत में 2017 में लॉन्च हुआ था पबजी
चीनी कंपनी टेंसेंट (Tencent) के स्वामित्व वाला गेम पबजी साल 2017 में भारतीय बाजार में लॉन्च हुआ. बहुत ही कम समय में पबजी भारत में सबसे अधिक डाउनलोड और खेले जाने वाले मोबाइल गेम में से एक बन गया. पबजी को अब तक दुनियाभर में 730 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है. जिसमें भारत पहले स्थान पर है.
सरकार ने भारत में बैन किया था पबजी
भारत सरकार ने 2 सितबंर 2020 को पबजी (PUBG) मोबाइल, पबजी मोबाइल लाइट सहित 116 अन्य चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार ने इस फैसले के लिए देश की सुरक्षा को वजह बताया. सरकार के मुताबिक इन एप को लेकर काफी शिकायतें मिल रही थीं, जिसके चलते सरकार ने यह फैसला लिया.
दूसरे देशों ने भी किया है बैन
पाकिस्तान
जुलाई 2020 में पाकिस्तान ने नशे की प्रवृत्ति के आधार पर पबजी पर अस्थाई रूप से प्रतिबंध लगा दिया. बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के कारण पाकिस्तान के दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) द्वारा समाज के विभिन्न क्षेत्रों से शिकायतें प्राप्त करने के बाद यह कदम उठाया गया था.