बेंगलुरु :भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से आज यानि शनिवार 26 नवंबर को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से ओशनसैट-3 और आठ नैनो-उपग्रहों को लॉन्च कर दिया गया. इसरो से मिली जानकारी के अनुसार, श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से प्रक्षेपण शनिवार सुबह 11 बजकर 46 मिनट पर यह प्रक्षेपण हुआ है. इन उपग्रहों को पीएसएलवी सी-54 या ईओएस-06 मिशन के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया.
प्रक्षेपण के बाद यह सफलतापूर्वक सूर्य-समकालिक कक्षा में स्थापित हो गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शनिवार को यह जानकारी दी. 25.30 घंटे की उलटी गिनती के खत्म होने पर दिन में 11.56 बजे 44.4 मीटर लंबा रॉकेट प्रक्षेपित हुआ. पीएसएलवी-सी54 के उड़ान भरने के लगभग 17 मिनट बाद निर्धारित कक्षा में पहुंचा और अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट या ओशनसैट सफलतापूर्वक रॉकेट से अलग हो गया. इसरो ने एक ट्वीट में कहा कि PASLV-C54/EOS-06 मिशन : EOS-06 अंतरिक्ष यान का पृथक्करण सफल रहा.
इसरो ने बताया कि अंतरिक्ष यान का स्वास्थ्य सामान्य है. वह मिशन पर है. अन्य सह-यात्री उपग्रहों को एक अलग कक्षा में स्थापित करने के लिए वैज्ञानिक रॉकेट को नीचे करने का प्रदर्शन करेंगे, जो दो घंटे की अवधि में होने की उम्मीद है. मिशन कंट्रोल सेंटर में अपने संबोधन में, इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि ईओएस-06 (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) को सटीक कक्षा में इंजेक्ट करने की सफल उपलब्धि की घोषणा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है.
इसरो ने कहा कि हमने यह भी देखा कि इस मिशन में सभी चरणों और कार्यों में रॉकेट का प्रदर्शन बहुत अच्छा था और पीएसएलवी की पूरी टीम को अपनी लंबी यात्रा की श्रृंखला में एक और सफल मिशन बनाने के लिए बधाई. बताया जा रहा है कि मिशन का प्राथमिक पेलोड ओशनसैट सीरीज के थर्ड जेनरेशन सैटेलाइट Oceansat-3 है. इसके अलावा आनंद नैनो-उपग्रह, जिसे विकसित पिक्सेल इंडिया के द्वारा किया गया है, और ध्रुव स्पेस, एस्ट्रोकास्ट और स्पेसफ्लाइट यूएसए द्वारा विकसित अन्य नैनो-उपग्रहों को भी लॉन्च किया गया.