बेंगलुरु : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का 2022 का पहला अभियान 14 फरवरी को शुरू होगा और पीएसएलवी-सी52 (PSLV C-52) द्वारा पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह ईओएस-04 को कक्षा में स्थापित किया जाएगा. इसरो का लक्ष्य एक वर्ष में 15 प्रयोग करना है. हालांकि, वर्ष 2020 से कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण उस सीमा तक प्रयोग नहीं किया जा सका है. सामान्य दिनों में प्रति वर्ष 8 से 12 प्रयोगों की अनुमति होगी. लेकिन कोरोना की वजह से 2020 के बाद से रफ्तार धीमी हुई है. पिछले दो वर्षों से केवल चार प्रयोग किए गए थे.
बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय की ओर से कहा गया कि सोमवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम ‘लांच पैड’ से सुबह पांच बजकर 59 मिनट पर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी सी52) को रवाना किया जाएगा. इसरो ने कहा कि पीएसएलवी सी52 को 1,710 किलोग्राम वजनी ईओएस-04 उपग्रह को 529 किलोमीटर की सूर्य समकालिक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित करने के लिए बनाया गया है.