नई दिल्ली : सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 9,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक अप्रैल को संशोधित ऋण गारंटी योजना पेश की जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में बजट पेश करते हुए यह घोषणा की. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 'देखो अपना देश मुहिम' शुरू करेगी. सरकार ऋण प्रवाह को सुगम बनाने और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री की स्थापना करेगी.
एमएसएमई के लिए बजट में प्रावधान. वित्त मंत्री ने बताया कि वित्तीय क्षेत्र के नियामकों को मौजूदा नियमों की व्यापक समीक्षा करने के लिए कहा जाएगा. सीतारमण ने कहा कि बिना दावों वाले शेयरों और लाभांश के दोबारा दावों के लिए एकीकृत आईटी पोर्टल पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार आईएफएससी गिफ्ट सिटी में पंजीकरण और मंजूरी के लिए एकल खिड़की तंत्र भी स्थापित करेगी.
उन्होंने कहा कि कंपनी अधिनियम के अंतर्गत फॉर्म भरने वाली कंपनियों को तेज प्रतिक्रिया देने के लिए एक केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किया जाएगा. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि एकबारगी नई लघु बचत योजना महिला सम्मान बचत प्रमाण पत्र 2025 तक दो साल के लिए उपलब्ध होगा.
एमएसएमई के लिए बजट में प्रावधान. एमएसएमई क्षेत्र के लिए ऋण गारंटी : पिछले बजट में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना को नवीकृत करने का प्रस्ताव किया गया था. इसमें 9 हजार करोड़ रुपये जोड़कर इस नवीकृत योजना को 01 अप्रैल, 2023 से शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे अतिरिक्त 2 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त संपार्श्विक-मुक्त ऋण संभव हो पाएगा, इसके अलावा ऋण की लागत में करीब एक प्रतिशत की कमी आएगी.
राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री : वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री की स्थापना की भी घोषणा की. वित्तीय सहायक सूचना की केंद्रीय भंडार के रूप में काम करने के लिए एक राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री की स्थापना की जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे ऋण का कुशल प्रवाह संभव हो पाएगा. वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी. सीतारमण ने कहा कि एक नया विधायी ढांचा इस क्रेडिट पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी विनियमित करेगा और इसे आरबीआई के साथ परामर्श करके डिजाइन किया जाएगा.
जीआईएफटी आईएफएससी : जीआईएफटी आईएफएससी में व्यापार गतिविधियों को बढ़ाने के लिए बजट 2023-24 में कुछ पहलें की गई हैं जैसे दोहरे विनियमन से बचने के लिए एसीजेड अधिनियम के अंतर्गत आईएफएससीए को शक्तियां प्रदान की जाएंगी, पंजीकरण और विनियामकीय अनुमोदन के लिए एकल खिड़की आईटी प्रणाली की स्थापना, विदेशी बैंकों के आईएफएससीए बैंकिंग इकाइयों द्वारा अधिग्रहण वित्तपोषण की अनुमति देना, व्यापार पुनर्वित्तपोषण के लिए एक्जिम बैंक की एक सहायक संस्था का स्थापना करना, विदेशी वियुत्पन्न दस्तावेजों को वैध संविदाओं के रूप में मान्यता देना.
वित्तीय क्षेत्र का विनियमन : अमृतकाल की आवश्यकताओं को पूरा करने और वित्तीय क्षेत्र में सुधार के लिए यथावश्यक और व्यवहार्य लोक परामर्श को विनियमन निर्माण प्रक्रिया में और सहायक निर्देश जारी करने की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा. सीतारमण ने कहा कि अनुपालन को सरल बनाने और इसकी लागत को कम करने के लिए वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों से मौजूदा विनियमों की व्यापक समीक्षा करने का अनुरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए वे आम लोगों और विनियमित संस्थाओं से प्राप्त सुझावों पर विचार करेंगे. विभिन्न विनियमों के अंतर्गत आवेदनों पर निर्णय लेने की समय-सीमाएं भी निर्धारित की जाएंगी.
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