गुवाहाटी: असम गण परिषद (एजीपी) के वरिष्ठ विधायक प्रदीप हजारिका ने विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों से संबंधित अंतिम परिसीमन रिपोर्ट में अपनी सीट अमगुरी को खत्म किए जाने के विरोध में शनिवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. वहीं, विपक्षी पार्टी रायजोर दल ने शिवसागर जिले में परिसीमन रिपोर्ट के खिलाफ प्रदर्शन किया, जबकि ऑल तिवा स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने आदिवासियों के लिए मोरीगांव सीट आरक्षित करने की अपनी मांग पूरी नहीं होने के खिलाफ विरोध जताया.
अंतिम रिपोर्ट शुक्रवार को प्रकाशित की गई, जिसमें विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 126 और लोकसभा सीट की संख्या 14 बरकरार रखी गई है. हालांकि, इसमें एक संसदीय क्षेत्र और 19 विधानसभा क्षेत्रों का नाम संशोधित किया गया है जैसा कि मसौदा अधिसूचना में उल्लिखित था. परिसीमन की कवायद निर्वाचन आयोग ने पूरी की थी। आयोग के एक बयान के अनुसार, 19 विधानसभा और दो लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित किए गए हैं, जबकि नौ विधानसभा और एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित किए गए हैं.
पूर्व मंत्री प्रदीप हजारिका ने कहा कि उन्होंने एजीपी में महासचिव सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. एजीपी राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा है. एजीपी प्रमुख अतुल बोरा को अपना इस्तीफा भेजने के बाद हजारिका ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "मैंने नेतृत्व के मामले में अपने लोगों को निराश किया है.
परिसीमन प्रस्ताव के मसौदे में अमगुरी को हटा दिया गया था, लेकिन हमने इसे बनाए रखने की मजबूत वकालत की थी. हालांकि, अंतिम रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद अब हम जानते हैं कि हमारी मांग पूरी नहीं हुई.' हालांकि, हजारिका ने कहा कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है. स्थानीय लोगों ने भी मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और हजारिका के खिलाफ नारे लगाते हुए अमगुरी निर्वाचन क्षेत्र को खत्म किए जाने का विरोध किया. जैसे ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शर्मा और हजारिका के पुतले जलाने से रोका, उन्होंने अंतिम परिसीमन रिपोर्ट पर अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए शर्ट उतार दी.