नई दिल्ली : केंद्र के कृषि कानूनो के विरोध में बीते 125 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने अब मई में संसद कूच करने का ऐलान किया है. साथ ही किसानों ने आंदोलन को और तेज करने की योजना बनाई है.
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बुधवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चड़ूनी ने घोषणा की है कि मई के पहले सप्ताह में संसद मार्च का कार्यक्रम तय किया गया है, लेकिन अभी इसकी तारीख तय नहीं की गई है. उन्होंने कहा है कि किसान मोर्चा के शीर्ष नेता जल्द ही तारीख तय कर लेंगे.
सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं कर रही : चड़ूनी
चड़ूनी ने कहा कि किसानों का संसद मार्च इस बार बिना किसी वाहन के होगा. दिल्ली बॉर्डरों से आंदोलनकारी पैदल ही संसद की तरफ मार्च करेंगे और वहां पहुंचने के बाद वहीं डेरा डालने की योजना है. वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा गया है कि सरकार अब उनकी मांगों पर बिलकुल विचार नहीं कर रही और न ही केंद्र की तरफ से बातचीत का ही कोई प्रस्ताव आया है. ऐसे में अब किसान मोर्चा आंदोलन को और तेज करने की योजना बना चुका है.
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संसद मार्च का देश भर में प्रचार-प्रसार किया जाएगा और किसान मोर्चा बड़ी संख्या में दिल्ली के बॉर्डरों पर समर्थकों को जुटाने का काम करेगा. संसद मार्च में किसानों के अलावा बेरोजगार, युवा और मजदूर संगठन भी शामिल होंगे. किसान नेता चड़ूनी ने कहा है कि उनका संसद मार्च पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और आंदोलनकारी खाली हाथ ही पैदल संसद की ओर कूच करेंगे
24 घंटे के लिए केएमपी एक्सप्रेसवे जाम करेंगे किसान
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर केएमपी एक्सप्रेसवे को जाम करने की घोषणा की है. 10 अप्रैल को किसान 11बजे दिन से 24 घंटे के लिए केएमपी एक्सप्रेसवे को पूरी तरह जाम कर वहीं धरने पर बैठेंगे. संसद मार्च से पहले 24 घंटे के लिए केएमपी एक्सप्रेसवे को जाम कर किसान संगठन सरकार को एक संदेश देना चाहते हैं कि वह किसानों की मांग पर विचार करे.
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संसद मार्च में कोई भी वाहन शामिल नहीं होगा
किसान नेता राकेश टिकैत हर मंच से अब तक कहते रहे हैं कि किसान जल्द संसद कूच करेंगे और लाखों की संख्या में ट्रैक्टर संसद भवन के बाहर देश भर से पहुंचेंगे. लेकिन आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने टिकैत के बयानों से किनारा कर लिया है. संसद मार्च में लाखों ट्रैक्टर शामिल होने के बयान को राकेश टिकैत का निजी बयान बताते हुए गुरनाम चड़ूनी ने कहा कि मंगलवार और बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में निर्णय लिया गया है कि संसद मार्च में किसी भी तरह के वाहन को शामिल नहीं किया जाएगा.
मृत किसानों की समाधि धरना स्थल पर बनाने की तैयारी
संयुक्त किसान मोर्चा अब आंदोलन के दौरान मृत हुए किसानों की समाधि धरना स्थल पर बनाने की तैयारी कर रहा है. आंदोलन समर्थक किसान देश के अलग-अलग हिस्सों से मिट्टी लेकर धरना स्थलों पर 6 अप्रील को पहुंचेंगे. उसी मिट्टी से आंदोलन के दौरान मृत हुए किसानों की समाधि बनाई जाएगी. किसान नेता मृत किसानों को शहीद का दर्जा दे चुके हैं और सरकार से उनके लिए मुआवजे और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग भी कर रहे हैं.